62 देशों ने प्रस्ताव पेश किया है कि दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी में चीन की भूमिका (chinese role in corona pandemic) की जांच की जाए। भारत ने इस मांग का समर्थन करने का फैसला किया है।
Edited By Alok Bhadouria | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
- ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन की अगुआई में एक प्रस्ताव कोरोना के पीछे चीन की भूमिका की जांच के लिए लाया गया है
- इस प्रस्ताव को भारत समेत 62 देशों का समर्थन प्राप्त है, पहली बार इस मुद्दे पर भारत ने अपना रुख साफ किया है
- इतना ही नहीं कोरोना से आगाह करने में विश्व स्वास्थ्य संगठन की उदासीन प्रतिक्रिया भी सवालों के घेरे में है
नई दिल्ली
पूरी दुनिया में फैली कोरोना वायरस की महामारी में चीन की भूमिका को जांचने की मांग को लेकर सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक बैठक हो रही है। ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन की अगुआई वाले 62 देशों के इस प्रस्ताव में भारत भी शामिल है। चीन पर लगते आरोपों के बीच यह पहली बार है कि भारत ने औपचारिक तौर पर कोविड-19 महामारी पर अपना रुख स्पष्ट किया है। हालांकि यह प्रस्ताव चीन का नाम लिए बिना रखा जाएगा।
दुनिया में फैली इस महामारी से अब तक लगभग 3 लाख लोग मारे जा चुके हैं और विश्व अर्थव्यवस्था घुटनों पर बैठ गई है। चीन पर आरोप लगते रहे हैं कि उसने कोविड-19 या कोरोना वायरस के फैलने के बारे में जरूरी जानकारी को शुरूआती समय में छिपाए रखा। बाद में चीन ने तर्क दिया कि जरूरी नहीं कोरोना वायरस चीन में पैदा हुआ हो, यह किसी और देश से भी निकला हो सकता है।
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चीन के हाथों की कठपुतली है विश्व स्वास्थ्य संगठन: डोनाल्ड ट्रंप
पूरे मामले में डब्ल्यूएचओ की भूमिका पर सवाल
चीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने तो अमेरिकी सेना पर भी आरोप मढ़े कि उसी ने कोरोना महामारी फैलाई है। इस पूरे मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एधानोम घेब्रेयसस की भूमिका भी सवालों के घेरे में रही है। उन पर आरोप लगते रहे हैं कि वह तब तक मामले को हल्का बताते रहे जबतक कि कोरोन संक्रमण तमाम देशों में नहीं फैल गया।
चीन ने टेड्रोस के चुनाव में की थी मदद
टेड्रोस दरअसल इथियोपिया के मंत्री हैं जिन्हें साल 2017 में चीन की मदद से इस वैश्विक संस्था में चुना गया था। इसी नाराजगी की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को फंडिंग रोकने का ऐलान भी कर दिया।
डब्ल्यूएचओ को चीन की कठपुतली कह चुके हैं ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को ‘चीन के हाथों की कठपुतली’ कह चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि अमेरिका पहले डब्ल्यूएचओ के बारे में जल्द ही कुछ सिफारिशें लेकर आएगा और उसके बाद चीन के बारे में भी ऐसा ही कदम उठाया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस महामारी पर कहा, ‘उन्होंने (डब्ल्यूएचओ) हमें गुमराह किया।’