कोरोना वायरस (Covid-19) के प्रकोप से बेहाल दुनिया को विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस महामारी का टीका (Coronavirus Vaccine) बन जाने के बाद भी यह बीमारी जाने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) लंबे समय तक इंसान के साथ बना रहेगा।
Edited By Shailesh Shukla | नवभारत टाइम्स | Updated:
- पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही है और लाखों लोग इस महामारी से मारे जा चुके हैं
- अब सबको इंतजार है कि कोरोना वायरस के खात्मे की वैक्सीन जल्द से जल्द बाजार में आ जाए
- विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन खोज लेना महामारी को खत्म करने के लिए काफी नहीं
वॉशिंगटन
पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही है। विश्वभर में लाखों लोग इस महामारी से मारे जा चुके हैं। अब सबको इंतजार है कि कोरोना की वैक्सीन जल्द से जल्द बाजार में आ जाए। हालांकि विशेषज्ञ अब वैक्सीन को लेकर भी आगाह कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन खोज लेना ही महामारी को खत्म करने के लिए काफी नहीं होगा।
कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर यह दावा इस महामारी पर शोध कर रहे मेडिकल विशेषज्ञों ने किया है। अगर कोरोना वायरस ने खुद को शरीर के अंदर परिस्थितियों के हिसाब से ढाल लिया, तो बहुत परेशानी हो सकती है। उनका कहना है कि ऐसे में वैक्सीन खोजने के बावजूद कई वर्षों तक इस पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है।
साथ ही, पूरी दुनिया की लगभग 70 फीसदी यानी 5.6 अरब आबादी को टीका लगाने की जरूरत होगी, ताकि उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा किया जा सके। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि वैक्सीन को समय से पहले बनाने में सफलता मिल सकती है। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस घेब्रेयेसस ने बताया कि 7 से 8 टीमें ऐसी हैं, जो वैक्सीन बनाने के बेहद करीब हैं।
वैक्सीन की खोज के लिए 8 बिलियन डॉलर की मदद
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने यूएन इकनॉमिक एंड सोशल काउंसिल की विडियो ब्रीफिंग में कहा कि दो महीने पहले तक हमारी सोच यह थी कि इसकी वैक्सीन को बनाने में 12 से 18 महीनों का समय लग सकता है। लेकिन अब तेजी से प्रयास किया जा रहा है जिसमें एक सप्ताह पहले 40 देशों, संगठनों और बैंकों द्वारा अनुसंधान, उपचार और परीक्षण के लिए 7.4 बिलियन यूरो (8 बिलियन डॉलर) की मदद की गई है।