कोरोना वायरस का टूरिज्म सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर आ रहा है और ग्लोबल अर्थव्यवस्था के सबसे ज्यादा लेबर-आधारित इस सेक्टर में लाखों नौकरियां खतरे में हैं.
युनाइटेड नेशंस के विश्व पर्यटन संगठन-वर्ल्ड टूरिज्म आर्गेनाइजेशन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म में 60-80 फीसदी की गिरावट आ सकती है. ये बहुत बड़ा आंकड़ा है जिसके चलते 910 अरब डॉलर से लेकर 1200 अरब डॉलर तक की कमाई का नुकसान होगा और लाखों लोगों को रोजगार संकट का सामना करना पड़ेगा.
यूएन की एस ग्लोबल एजेंसी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते 2020 की पहली तिमाही के दौरान इंटरनेशनल टूरिस्ट के आने की संख्या में 22 फीसदी की गिरावट हुई है. संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष एजेंसी के मुताबिक दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस महामारी के कारण सालाना टूरिज्म में 2019 के मुकाबले 60-80 फीसदी की गिरावट हो सकती है.
संस्था ने कहा कि इसके चलते लाखों लोगों का रोजगार खतरे में है और इसके चलते एसडीजी में हुई तरक्की को खोने की आशंका बढ़ गई है.
यूएनडब्ल्यूटीओ के महासचिव जुरब पोलोलिकाशविली ने कहा कि दुनिया एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य और आर्थिक संकट का सामना कर रही है. टूरिज्म सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है और ग्लोबल अर्थव्यवस्था के सबसे ज्यादा लेबर-आधारित इस सेक्टर में लाखों नौकरियां खतरे में हैं.
यूएनडब्ल्यूटीओ विश्व पर्यटन सूचकांक (वर्ल्ड टूरिज्म इंडेक्स) के मुताबिक इस साल पहले तीन महीनों के दौरान टूरिस्ट्स की संख्या में 22 फीसदी की कमी हुई है. एजेंसी ने कहा कि यह गिरावट एशिया और पैसिफिक रीजन में ज्यादा रही है, जबकि यूरोप में फीसदी के रूप में ये गिरावट कुछ कम है.
एजेंसी के मुताबिक मार्च में कई देशों में लॉकडाउन की शुरुआत के बाद टूरिस्ट्स के आने की संख्या में 57 फीसदी तक की कमी आई. इस दौरान ही ट्रैवल बैन और एयरपोर्ट्स के साथ अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय बॉर्डर को बंद करने की ग्लोबल शुरूआत हुई.
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