कोविड-19 वैक्सीन की 50 लाख डोज का पहला ऑर्डर देना चाहती है सरकार


सुष्मी डे, नई दिल्ली
भारत सरकार शुरुआत में कोरोना के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों, सेना के जवानों और कुछ विशिष्ट श्रेणी के लोगों के लिए कोविड-19 वैक्सीन की करीब 50 लाख डोज खरीदने पर विचार कर रही है। वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद उसे उपलब्ध कराने की प्राथमिकताओं को लेकर सरकार में मंथन चल रहा है। इसमें फोकस सप्लाई चेन और वितरण पर है। अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों और सबसे ज्यादा जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए रूपरेखा बन रही है।

सरकार बड़े स्तर पर वैक्सीन का वितरण करना चाहती है जिससे यह जल्द से जल्द बड़ी आबादी तक पहुंच सके। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्थानीय वैक्सीन निर्माताओं ने सरकार से एक निश्चित बाजार का अनुमान बताने को कहा है क्योंकि वैक्सीन बनने पर एक शॉट कुछ ही हफ्तों के भीतर तैयार हो जाएगी। कंपनियों को वैक्सीन की डिमांड को लेकर आश्वस्त किया गया है। माना जा रहा है कि एक वैक्सीन इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में तैयार हो सकती है।

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बड़े वैक्सीन निर्माताओं के साथ सोमवार को बैठक के दौरान कोविड वैक्सीन को लेकर बने विशेषज्ञ समूह ने कंपनियों से अपने प्रस्ताव देने को कहा है, जिसमें उत्पादन क्षमता की जानकारी, कीमत और सुझाव देने को कहा गया है कि सरकार कैसे उन्हें सहयोग कर सकती है। इस समूह के अध्यक्ष नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल और स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण भी हैं।

एक स्थानीय वैक्सीन निर्माता कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी ने कहा, ‘वैक्सीन के विकास में भारी निवेश करना पड़ता है और हमें अपनी क्षमता कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने में लगानी होगी। ऐसे में सरकार को एक निश्चित बाजार के बारे में जरूर संकेत दे देना चाहिए।’

अधिकारी ने कहा कि विशेषज्ञ समूह तमाम विकल्पों पर विचार कर रहा है जिसमें अगर जरूरी हुआ तो वैक्सीन के उत्पादन के लिए वित्तीय सहायता भी शामिल है। हालांकि चर्चा अभी शुरुआती चरण में है और किसी प्लान पर पहुंचने से पहले कमेटी कुछ और बैठकें कर सकती है।

वैक्सीन कैंडिडेट के चुनाव को लेकर वैक्सीन पर शीर्ष सलाहकारी संस्था national technical advisory group on immunization (ntagi) की स्टैंडिंग टेक्निकल सब-कमेटी से सुझाव मांगे गए हैं।

इस समय भारत में तीन वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। भारत बायोटेक-ICMR की बनाई Covaxin और जायडस कैडिला की ZyCov-D फिलहाल फेज 1/2 ट्रायल में हैं। इसके अलावा सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) भी अस्‍त्राजेनेका के साथ AZD1222 वैक्‍सीन के ट्रायल की डील कर चुका है। सरकारी पैनल जिन वैक्‍सीन कैंडिडेट्स की तरफ देख रहा है, उसमें Oxford-AstraZeneca और Moderna फेज 3 ट्रायल्‍स में हैं।

इसके अलावा जर्मनी और इजरायल समेत दुनिया के नौ और वैक्‍सीन प्रोग्राम पर भी सरकार विचार कर रही है। सोमवार को जब नैशनल एक्‍सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्‍सीन एडमिनिस्‍ट्रेशन की मुलाकात हुई तो उसमें SII, भारत बायोटेक और जायडस कैडिला के अलावा कई फार्मा कंपनियों के प्रमुख शामिल रहे।



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