मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह महाराष्ट्र एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के सामने हाजिर नहीं हो रहे हैं। अब एसीबी ने परमबीर सिंह को तीसरी बार समन जारी किया है। एसीबी ने निलंबित आईपीएस अफसर के खिलाफ चल रही एक ‘खुली जांच’ के सिलसिले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में शिकायत पुलिस इंस्पेक्टर अनूप डांगे ने दर्ज करवाई थी।
जांच एजेंसी ने परमबीर सिंह को 2 फरवरी को हाजिर होने के लिए कहा है। परमबीर सिंह के खिलाफ उगाही के कई केस दर्ज होने के बाद पिछले महीने ही गृह विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया था। यह पहली बार नहीं है जब एसीबी ने परमबीर सिंह को समन भेजा है। इससे पहले 10 जनवरी और 18 जनवरी को भी एसीबी ने निलंबित अफसर को बुलाया था लेकिन वो एजेंसी के सामने उपस्थित नहीं हुए। ़
क्यों हाजिर नहीं हो रहे परमबीर?
बता दें कि परमबीर सिंह के वकीलों ने उनके हाजिर ना होने को लेकर कोरोना की तीसरी लहर का जिक्र किया था। इसके अलावा वकीलों ने यह भी कहा था कि इस मामले में उनकी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। परमबीर सिंह चाहते हैं कि उनके खिलाफ दर्ज केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया जाए। एक अधिकारी ने कहा कि जनवरी के मध्य में एसीबी की एक टीम परमबीर सिंह के मुंबई में स्थित आवास पर गई थी। उस वक्त एजेंसी ने एक नोटिस भी दिया था और हाजिर होने के लिए कहा था। यह नोटिस आईपीएस अफसर के कुक ने लिया था। मुंबई पुलिस के पूर्व मुखिया पर इंस्पेक्टर डांगे ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। जिसके बाद एजेंसी इस मामले की छानबीन कर रही है।
बता दें कि भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत में ‘खुली जांच’ का मतलब होता है कि जांच एजेंसी बयान रिकॉर्ड करने के लिए लोगों को समन जारी कर सकती है। इसके अलावा वो जरूरत पड़ने पर जरुरी कागजात और अन्य डिटेल भी मांग सकती है।