Made in China products in India: इस वक्‍त भारतीय गूगल पर ‘List of chinese products in India’, ‘ban chinese products’ और ‘boycott chinese products’ खूब सर्च कर रहे हैं।

Edited By Deepak Verma | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

चीन के खिलाफ एकजुट हुए भारत के व्यापारी, बड़ा फैसला
हाइलाइट्स

  • लद्दाख में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाले चीन के खिलाफ फूटा भारतीयों का गुस्‍सा
  • चाइनीज ऐप्‍स कर रहे अनइंस्‍टॉल, चीनी प्रॉडक्‍ट्स के बायकॉट की जोरदार डिमांड
  • गूगल पर चीनी प्रॉडक्‍ट्स की लिस्‍ट खोज रहे लोग ताकि कर सकें उनका बहिष्‍कार
  • फैब्रिक, टेक्‍सटाइल्‍स से लेकर किचन और इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स के आइटम पर लिस्‍ट में शामिल

नई दिल्‍ली

चीन ने भारत पर हमला करके सैन्‍य के साथ-साथ आर्थिक मुसीबत भी मोल ले ली है। भारत के साथ व्‍यापार चीन के लिए बेहद अहम है और भारतीय वहीं पर चोट करने की तैयारी में हैं। बड़ी संख्‍या में लोगों ने चीनी उत्‍पादों के बहिष्‍कार का मन बनाया है। कुछ ने तो अपनी चाइनीज टीवी, स्‍मार्टफोन तोड़कर इसकी शुरुआत कर दी है। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियोज खूब शेयर हो रहे। दूसरी तरफ, भारत में चीन के कौन-कौन से प्रॉडक्‍ट्स मिलते हैं, ये पता लगाने के लिए गूगल का इस्‍तेमाल हो रहा है। पिछले 48 घंटों में गूगल पर ‘List of chinese products in India‘, ‘ban chinese products’ और ‘boycott chinese products’ जैसे सर्च बढ़े हैं।

चीनी ऐप्‍स का भी शुरू हुआ बायकॉट

भारत में TikTok, UC Browser, Bigo Live, Shareit जैसी ऐप्‍स के करोड़ों यूजर्स हैं। लद्दाख में 20 जवानों के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद इन ऐप्‍स से भारतीयों का मोहभंग होना शुरू हो गया है। लोग किसी भी तरह चीन को चोट पहुंचाना चाहते हैं। कई यूजर्स ने चीनी ऐप्‍स अनइंस्‍टॉल करने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी। कुछ ने कहा कि भारत सरकार ही चीनी ऐप्‍स पर पाबंदी लगाए।

चीन की धोखेबाजी, चाइनीज टीवी पर यूं फूटा गुस्साचीन की धोखेबाजी, चाइनीज टीवी पर यूं फूटा गुस्साभारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर हुई झड़प में 20 जवानों की शहादत ने हर किसी को झकझोर दिया है। लोग गुस्से में हैं। चीन के खिलाफ लोगों का आक्रोश अलग-अलग तरीके से बाहर निकल रहा है। इसी बीच गुजरात के सूरत में स्थानीय लोगों ने चीन के खिलाफ विरोध जताते हुए एक चाइनीज टीवी को फोड़ डाला। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

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Google पर तेजी से बढ़े सर्च (गूगल ट्रेंड्स)

CAIT ने जारी की ‘मेड इन चाइना’ प्राडॅक्‍ट्स की लिस्‍ट

कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने 500 से भी ज्‍यादा ‘मेड इन चाइना’ प्रॉडक्‍ट्स की लिस्‍ट जारी की है। CAIT की अपील है कि इन उत्‍पादों का हालिया तनाव के बाद बहिष्‍कार किया जाए। इस लिस्‍ट में किचन आइटम्‍स, फैब्रिक, टेक्‍सटाइल्‍स, कपड़ों से लेकर जूलरी, फुटवियर, हैंडबैग्‍स, कॉस्मेटिक्‍स और इलेक्‍ट्रॉनिक प्रॉडक्‍ट्स शामिल हैं। बहुत सारे लोग यह भी कह रहे कि चीन का बायकॉट करने से ही काम नहीं चलेगा, भारतीय उत्‍पादों को भी सपोर्ट करना होगा ताकि हमारी अर्थव्‍यवस्‍था फले-फूले।

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लद्दाख में चीन ने पार की हदें

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना ने युद्ध और शांतिकाल के नियमों को ताक पर रख दिया। दोनों देशों के बीच जो समझौते हुए थे, चीन पूरी तरह उनसे अलग चला गया। निहत्‍थे भारतीय जवानों पर चीन ने लाठी-डंडों और पत्‍थरों से हमले किए। गलवान घाटी की पहाड़‍ियों से लुढ़ककर कई सैनिक शहीद हुए। भारतीय सेना ने 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 जवानों के मारे जाने की पुष्टि की है। चीन की यह हरकत भारतीयों को बिलकुल नागवार गुजरी है। ड्रैगन से बदला लेने का सेंटिमेंट जोर पकड़ रहा है।

18 महीने से लद्दाख में थी तैनाती

  • 18 महीने से लद्दाख में थी तैनाती

    तेलंगाना के रहने वाले कर्नल संतोष बाबू 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर थे। कर्नल संतोष 18 महीने से लद्दाख में भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात थे। कर्नल की पत्नी संतोषी 8 साल की बेटी और 3 साल के बेटे के साथ दिल्ली में रहती हैं।

  • पटियाला जिले के रहने वाले थे मनदीप

    मनदीप सिंह वर्ष 1997 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनका जन्म 28 मार्च 1981 को हुआ था। वह पंजाब के पटियाला जिले के रहने वाले थे।

  • तमिलनाडु के रहने वाले थे के पलानी

    तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के रहने वाले शहीद जवान के पलानी 81 फील्ड रेजिमेंट के सदस्य थे। के पलानी के परिवार को चिट्ठी लिखते हुए राहुल गांधी ने उन्हें राष्ट्र नायक बताया है।

  • '4 दिन पहले की थी आखिरी बात'

    मेरठ में रहने वाले 35 साल के जांबाज हवलदार बिपुल रॉय गलवान घाटी में हुए संघर्ष में शहीद हो गए। 4 दिन पहले ही उन्होंने पत्नी और बेटी से आखिरी बार बात की थी और जल्दी छुट्टी लेकर घर आने का वादा किया था। बिपुल रॉय मूल रूप से वेस्ट बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के रहने वाले थे। उन्होंने 2003 में भारतीय फौज जॉइन की थी। फिलहाल, वह 81 माउंट बिग्रेड सिग्नल कंपनी में लद्दाख की गलवान वैली में पोस्टेड थे। बिपुल राय की पत्नी और एक बच्ची पांच साल के साथ मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके के कुंदन कुंज में रहते थे। लद्दाख से पहले वह मेरठ में तैनात थे। एडीएम सिटी मेरठ के मुताबिक फिलहाल घर पर पत्नी और बच्ची रहते हैं। बिपुल रॉय का पार्थिव शरीर उनके घर पर वेस्ट बंगाल ही ले जाया जाएगा।(इनपुट: शादाब रिज़वी)

  • 2012 में कुंदन कुमार ने जॉइन की थी इंडियन आर्मी

    बिहार के भोजपुर के लाल कुंदन कुमार ओझा चीन के कायरतापूर्ण हमले में शहीद हो गए हैं। शहीद कुंदन कुमार ओझा मूल रूप से जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के पहरपुर गांव के रहने वाले हैं। जबकि उनके किसान पिता रविशंकर ओझा करीब तीस साल पहले ही झारखंड में साहेबगंज जिले के हाजीपुर पश्चिम पंचायत के डिहारी गांव में पूरे परिवार के साथ रहने लगे थे। सिपाही कुंदन कुमार ओझा वर्ष 2012 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनका जन्म 1993 में हुआ था।

  • अमन कुमार ने 2014 में जॉइन की थी भारतीय सेना

    सिपाही अमन कुमार ने वर्ष 2014 में भारतीय सेना जॉइन की थी। उनका जन्म वर्ष 1993 में हुआ था। अमन बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले थे।

  • एमपी के दीपक सिंह भी हुए शहीद

    दीपक सिंह वर्ष 2012 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। दीपक मध्य प्रदेश के रीवा के रहने वाले थे। उनकी मां का नाम सरोज सिंह है। दीपक का जन्म 15 जुलाई 1989 को हुआ था।

  • लॉकडाउन की वजह से टल गई थी चंदन की शादी

    सिपाही चंदन कुमार वर्ष 2017 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वह बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले थे। उनकी मां का नाम धर्मा देवी है। देश के लिए बलिदान देने वाले चंदन कुमार की शादी पिछले मई महीने में होने वाली थी। लॉकडाउन की वजह से उनकी शादी को टाल दिया गया था। शहीद चंदन कुमार चार भाई और चार बहनों के बीच सबसे छोटे थे। चंदन के तीन बड़े भाई भी आर्मी में है, जो फिलहाल देश की रक्षा करने में लगे हुए हैं।

  • पश्चिम बंगाल के थे राजेश ओरंग

    सिपाही राजेश ओरंग का जन्म 05 अप्रैल 1994 को हुआ था। वह 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। राजेश ओरंग मूल रूप से पश्चिम बंगाल के सदरसुरी के रहने वाले थे।

  • गणेश राम...एक महीने पहले ही मिली थी यहां तैनाती

    सिपाही गणेश राम का जन्म 28 अप्रैल 1993 को हुआ था। वह मूल रूप से छत्तीसगढ़ के कांकेर के रहने वाले थे। गणेश वर्ष 2011 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और उन्हें एक महीने पहले ही भारत-चीन सीमा पर तैनाती मिली थी। शहीद गणेश राम की मां का नाम जागेश्वरी बाई है।

  • ...और शहीद हो गए सिपाही सीके प्रधान
  • चीन को ओडिशा के लाल ने भी दी पटखनी
  • बिहार के सुनील कुमार भी शहीद
  • 2018 में गुरतेज ने जॉइन की थी सेना

    सिपाही गुरतेज वर्ष 2018 में भारतीय सेना में शामिल हुए। वह मूल रूप से पंजाब के मानसा के रहने वाले थे। उनका जन्म 15 नवंबर 1997 को हुआ था। उनकी मां का नाम प्रकाश कौर है।

  • हिमाचल के अंकुश ने आखिरी सांस तक लड़ी जंग

    सिपाही अंकुश वर्ष 2018 में भारतीय सेना का हिस्सा बने। उनका जन्म वर्ष 1998 में हुआ था। अंकुश मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के रहने वाले थे।

  • 2018 में गुरुविंदर ने जॉइन की थी इंडियन आर्मी

    सिपाही गुरुविंदर 24 मार्च 2018 को देश सेवा के संकल्प के साथ भारतीय सेना का हिस्सा बने थे। वह मूल रूप से पंजाब के संगरूर जिले के रहने वाले थे। गुरुविंदर का जन्म 2 जून 1998 को हुआ था।

  • ...और लड़ते-लड़ते शहीद हो गए सतनाम सिंह

    1979 को जन्मे सतनाम सिंह ने वर्ष 1995 में भारतीय सेना का हिस्सा बने। वह मूल रूप से पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले थे। उनकी पत्नी का नाम जसविंदर कौर है।

  • चीन को इस जांबाज ने दिया करारा जवाब

    सिपाही गणेश हंसदा 16 सितंबर 2018 को भारतीय सेना का हिस्सा बने थे। वह मूलरूप से झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के रहने वाले थे। उनका जन्म 12 अक्टूर 1999 को हुआ था।

  • बिहार के जय किशोर ने दी शहादत

    बिहार के मूल निवासी सिपाही जय किशोर सिंह का जन्म 11 मई 1993 को हुआ था। वह वर्ष 2018 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनकी मां का नाम मंजू देवी है।

  • वीर जवानों की शहादत को सलाम

    बिहार के सहरसा के मूल निवासी कुंदन कुमार भी गलवान घाटी में हुए संघर्ष में शहीद हो गए। वह 21 मार्च 2012 को भारतीय सेना का हिस्सा बने थे।

चीन के प्रति गुस्‍सा भड़का।

चीन के प्रति गुस्‍सा भड़का।

Web Title indians google list of chinese products to boycott after india china face-off in ladakh(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)

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