Aircel Maxis case: दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल मैक्सिस मामले में आज यानी शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम और अन्य को समन जारी किया है. कोर्ट ने मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है. बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने मामले में बीते दिनों अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
Aircel Maxis case: Delhi court issues summons to former Union Minister P Chidambaram, his son Karti Chidambaram and others in ED and CBI cases.
Court takes cognizance of the charge-sheets filed by probe agencies in the matter. pic.twitter.com/8Y6sCrod6F
— ANI (@ANI) November 27, 2021
ईडी और सीबीआई से जुड़े मामले
दिल्ली की अदालत ने सोमवार को कहा गया था कि वह एयरसेल मैक्सिस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंरबरम, उनके बेटे व अन्य के खिलाफ सीबीआई और ईडी की ओर से दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी या नहीं इसपर 27 नवंबर को आदेश पारित करेगी. अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जांच किए गए क्रमश: भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों के संबंध में कुछ सवाल किए थे, जिसका जवाब दोनों एजेंसियों ने दायर कर दिया था. इसके बाद विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
न्यायाधीश ने कहा था, “अदालत की ओर से मांगे गए कुछ स्पष्टीकरण को आज प्रस्तुत किया गया. संज्ञान लेने पर विचार या आदेश के लिए मामले को 27 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया जाए.” ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक एनके मित्तल पेश हुए थे, जबकि सीबीआई का प्रतिनिधित्व वकील नूर रामपाल ने किया.
एजेंसियों का पी चिदंबरम पर आरोप
जांच एजेंसियों ने पहले अदालत को सूचित किया था कि एजेंसियों ने जांच के संबंध में कुछ जानकारी मांगने के लिए ब्रिटेन और सिंगापुर को अनुरोध पत्र (एलआर) भेजे थे और उस संबंध में कुछ उपलब्धि मिली है. यह मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. यह मंजूरी 2006 में दी गई थी, जब चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि चिदंबरम ने कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी क्षमता से बाहर जाकर सौदे को मंजूरी दी थी और इसके लिए रिश्वत ली थी.
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