Galwan Valley Face Off: भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में झड़प (India China Clash) के बाद माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है। चीन ने जमीन के साथ-साथ सोशल मीडिया में भारत के ख‍िलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ रखा है। इसके ल‍िए उसने हथियार बनाया है ग्‍लोबल टाइम्‍स (Global Times) को।

Edited By Shailesh Shukla | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

चीन की तीन कमजोर नब्ज जिन्हें दबा सकता है भारत
हाइलाइट्स

  • चीन के सैनिकों ने 20 भारतीय सैनिकों की घात लगाकर निर्मम तरीके से हत्‍या कर दी
  • पीएलए के हजारों सैनिक लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्‍जा करने की ताक में खड़े हैं
  • चीन ने भारत की सीमा पर ही नहीं सोशल मीडिया में भी मनोवैज्ञानिक जंग छेड़ रखा है
  • इस जंग में जीत के लिए चीन ने अपनी ‘मिसाइल’ ग्‍लोबल टाइम्‍स को मोर्चे पर लगाया

पेइचिंग

लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने 20 भारतीय सैनिकों की घात लगाकर निर्मम तरीके से हत्‍या कर दी। यही नहीं चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के निर्देश पर पीएलए के हजारों सैनिक भारतीय जमीन पर कब्‍जा करने की ताक में खड़े हैं। चीन ने जमीन ही नहीं सोशल मीडिया में भी जंग छेड़ रखा है। इसके लिए चीन ने अपनी ‘मिसाइल’ ग्‍लोबल टाइम्‍स (Global Times) को मोर्चे पर लगा दिया है।

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने पिछले एक महीने में सैकड़ों ट्वीट करके न केवल भारत के खिलाफ बल्कि अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया और ताइवान के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ रखा है। दरअसल, चीन की बिना गोली चलाए ही युद्ध को जीतने की रणनीति रही है। इस रणनीति को अमल में लाने का काम चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स को दिया गया है। लद्दाख में तनाव के बाद चीन की प्रोपेगेंडा मशीन ग्‍लोबल ने भारत के खिलाफ एक तरीके से मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ दिया है।

ग्‍लोबल टाइम्‍स के जरिए दुष्‍प्रचार करती है चीन सरकार

भारत-चीन तनाव शुरू होने के बाद पिछले एक महीने में ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दर्जनों की संख्‍या में ऐसी खबरें लिखी हैं और वीडियो जारी किए हैं जिससे चीन की ताकत को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाए और भारत को कमजोर साबित किया जाए। ग्‍लोबल टाइम्‍स पहले चीन सरकार के दावे को व‍िशेषज्ञ के हवाले से कहता है और फिर सरकार भी उसको दोहराती है। एक तरीके से चीन सरकार अप्रत्‍यक्ष तरीके से अपने दावे को ग्‍लोबल टाइम्‍स के माध्‍यम से प्‍लांट कराती है और फिर खुद उसका समर्थन करती है।

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इस उदाहरण गलवान घाटी है। सीमा विवाद शुरू होने के बाद ग्‍लोबल टाइम्‍स ने सबसे पहले दावा क‍िया क‍ि भारत के नियंत्रण वाली गलवान वैली चीन की है। गलवान घाटी चीन का इलाका है और भारत जानबूझकर वहां विवाद पैदा कर रहा है। भारत गलवान में चीन के इलाके में अवैध तरीके से डिफेंस फैसिलिटीज का निर्माण कर रहा है। इस कारण चीन की सेना के पास इसका जवाब देने के अलावा कोई चारा नहीं है। इसके बाद से चीन सरकार अब लगातार दावा कर रही है कि यह इलाका उसका है। इसी गलवान वैली में भारत और चीन के बीच सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए।

भारतीयों को डराने के लिए प्रोपेगेंडा वीडियो

ग्‍लोबल टाइम्‍स लगातार चीन की सेना के युद्धाभ्‍यास के वीडियो पोस्‍ट कर रहा है। उसका दावा किया है कि ये वीडियो तिब्‍बत में भारतीय सीमा के पास किए गए हैं। चीनी अखबार यह भी दावा किया है कि चीनी सेना ने अत्‍याधुनिक हथियार तैनात किए हैं कि उसका जवाब किसी देश के पास नहीं है। उसका दावा है कि ये हथियार पहाड़ों में जंग लड़ने के लिए बेहद कारगर हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ग्‍लोबल टाइम्‍स का मकसद चीन की उसी रणनीति का हिस्‍सा है जिसके तहत वह बिना गोली चलाए जंग जीतना चाहता है।

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भारत को दिखाया पाकिस्‍तान और नेपाल का डर

भारत-चीन में सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत के सख्‍त रुख के बाद अब चीनी मीडिया ने पाकिस्‍तान और नेपाली सेना की धमकी दी है। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि भारत का चीन के साथ पाकिस्‍तान और नेपाल के साथ सीमा विवाद चल रहा है। भारतीय सेना को दो या तीन मोर्चो पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है। चीनी समाचार पत्र ने इशारों ही इशारों में यह बताने की कोशिश की कि कभी भारत का करीबी रहा नेपाल अब चीन की गोद में चला गया है।

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चीनी अखबार ने चीनी व‍िशेषज्ञ के हवाले से कहा कि अगर भारत विवाद को बढ़ाता है तो उसे दो या तीन मोर्चो पर सैन्‍य चुनौती का सामना करना पड़ सकता है जो भारत की सैन्‍य क्षमता से बहुत ज्‍यादा है। इससे भारत की हार हो सकती है। ग्‍लोबल टाइम्‍स के इस बयान का नेपाल में भारी विरोध हुआ था। माना जा रहा है कि चीन ने नेपाल नाम लेकर भारतीयों को उकसाने और डराने की कोशिश की।



अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया और ताइवान के खिलाफ ‘जंग’


ग्‍लोबल टाइम्‍स ने न केवल भारत के खिलाफ बल्कि चीन का जोरदार विरोध कर रहे अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया और ताइवान के खिलाफ भी ‘जंग’ छेड़ रखा है। एशिया टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के नेता अपना नाम सार्वजनिक रूप से नहीं देते हैं और ग्‍लोबल टाइम्‍स में कथित रूप से विशेषज्ञ बनकर अपने हमले करते हैं। हांग कांग को लेकर चल रहे अमेरिकी विरोध के बाद ग्‍लोबल टाइम्‍स ने मोर्चा खोल दिया है। यही नहीं ग्‍लोबल टाइम्‍स ऑस्‍ट्रेलिया और ताइवान को भी डराने में लगा हुआ है।

चीन के ल‍िए मनोवैज्ञानिक युद्ध का जरिया बना ग्‍लोबल टाइम्‍स

चीन के ल‍िए मनोवैज्ञानिक युद्ध का जरिया बना ग्‍लोबल टाइम्‍स

Web Title galwan valley face off chinese news paper global times waged propaganda war against india(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)

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