सरकार चीनी सामानों पर निर्भरता कम करने और देसी उद्योगों के जरिये उत्पादन बढ़ाने के लिए करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार एयर कंडीशनर, उसके कलपुर्जों, फर्नीचर और चमड़े के उत्पाद के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 16-17 अरब डॉलर (लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये) के निवेश के प्रस्तावों पर विचार कर रही है। सरकार की तैयारी जल्द से जल्द इन सामानों पर चीनी निर्भरता खत्म कर आत्मनिर्भर बनने की है। घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इन चीजों पर आयात शुल्क बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।
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सरकार को चीन से आयात को हतोत्साहित करने के लिए एसी में इस्तेमाल होने वाले जरूरी सामानों पर सीमा शुल्क बढ़ाने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही थाईलैंड से आयात को कम करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने दिया था संकेत
हाल ही में सीआईआई के वार्षिक सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया था कि घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए मेक इन इंडिया के तहत रोजगार पैदा करने वाले प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान की गई है। एयर कंडीशनर, उसके कलपुर्जों, फर्नीचर और चमड़े के उत्पाद शामिल हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री भी कर रहे हैं तैयारी
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी उद्योग जगत के साथ घरेलू मैन्युफक्चरिंग को बढ़ावा देने की तैयारी कर रहे हैं। इसके तहत देशभर में क्लस्टर के जरिए मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना है। वित्त मंत्री ने भी 20 लाख करोड़ से अधिक के आर्थिक पैकेज में क्लस्टर के जरिये उत्पादन बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर दिया था।