चीन को मिलेगा करारा जवाब, अमेरिका-भारत में हुई बात, क्‍वॉड से होगा ड्रैगन का इलाज!


Edited By Satyakam Abhishek | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

चीन पर कोई चांस नहीं लेगी सेना, विंटर प्लान पर काम शुरू
हाइलाइट्स

  • भारत और चीन के बीच LAC पर तनातनी जारी है
  • ड्रैगन लद्दाख में अपनी चालाबाजियों को लगातार जारी रखे हुए है
  • उधर अमेरिका ने साउथ चाइन सी में चीन को पूरी तरह से घेर रखा है
  • भारत ने भी चीन को सामरिक, कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर बड़ी घेरेबंदी कर रखी है

नई दिल्ली

लद्दाख में चीन की हिमाकत का करारा जवाब दे रहा भारत उसे कूटनीतिक, सामरिक और आर्थिक मोर्चे पर लगातार घेर रहा है। चीनी ऐप पर बैन के बाद ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए भारत अब खुलकर कूटनीतिक मोर्चे पर ऐक्टिव हो चुका है। साउथ चाइना सी में चीन की कारस्तानी का जवाब देने के लिए अमेरिका पहले ही वहां अपना जंगी बेड़ा भेज चुका है जबकि भारत भी हिंद महासागर में सतर्क हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि क्‍वॉड के जरिए नई दिल्ली अब ड्रैगन के पर करतने की योजना बना रहा है। बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले कई महीने से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनातनी जारी है।



पढ़ें, चीन ने तजिकिस्‍तान को धमकाया, पामीर पर दावा

ड्रैगन के पर करतने को बड़ी तैयारी
भारत और चीन में चल रहे तनाव के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ( US Secy of State Mike Pompeo) और एस जयशंकर (S Jaishankar) के बीच कल फोन पर बातचीत हुई है। दोनों देशों के बीच कोरोना महामारी से लेकर क्वॉड ग्रुप को लेकर चर्चा हुई। बता दें कि लद्दाख में LAC चीन की आक्रमकता पर अमेरिका खुलकर भारत के साथ आ चुका है और उसने साउथ चाइना सी में चीन को घेरना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्‍वॉड में शामिल सभी देश अगर साथ आ जाएं तो चीनी ड्रैगन को आसानी से काबू में किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें, अमेरिका में भी TikTok की ‘टिक-टिक’ शुरू

US-भारत में क्‍वॉड पर हुई बात

विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि पोम्पियो के साथ बातचीत में कोरोना संकट की चुनौतियों और भविष्य क्वॉड ग्रुप के फार्मेट को लेकर मंथन किया गया। उन्होंने कहा कि कल रात अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर अच्छी चर्चा हुई। इसके अलावा क्षेत्रीय और दक्षिण एशिया, अफगानिस्तान तथा भारत-प्रशांत क्षेत्र समेत कई वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई।

क्या है क्‍वॉड जानिए

द क्वॉड्रिलैटरल सिक्‍यॉरिटी डायलॉग (क्‍वॉड) की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी। हालांकि इसकी शुरुआत वर्ष 2004-2005 हो गई जब भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में आई सुनामी के बाद मदद का हाथ बढ़ाया था। क्‍वाड में चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। मार्च में कोरोना वायरस को लेकर भी क्वॉड की मीटिंग हुई थी। इसमें पहली बार न्यूजीलैंड, द. कोरिया और वियतनाम भी शामिल हुए थे।

चीन को मिलेगा करारा जवाब

कोरोना महासंकट की इस घड़ी में भारत ही नहीं दुनियाभर में ऐसी मांगे उठने लगी हैं कि चीन ने भारत को घेरने के लिए ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल’ बनाया है और भारत को भी ‘क्‍वॉड’ को मजबूत कर इसे ‘एशियाई नाटो’ का रूप देना चाहिए।

चीन को लगा डर, क्‍वॉड का कर रहा है विरोध

क्‍वाड देश आपस बातचीत के अलावा मालाबार नाम से संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास भी करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एशिया में चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्‍य दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए इस समूह का गठन हुआ है। इस समूह के गठन के बाद से ही चीन चिढ़ा हुआ है और लगातार इसका विरोध कर रहा है। लद्दाख में चल रहे सैन्‍य तनाव के बीच चीन का सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स भारत को लगातार धमकी दे रहा है। साथ ही नसीहत दे रहा है कि भारत क्‍वॉड से दूर रहे और गुटन‍िरपेक्षता की अपनी नीति का पालन करे।

पोम्पियो और एस जयशंकर (फाइल फोटो)

पोम्पियो और एस जयशंकर (फाइल फोटो)



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here