अमेरिका अपने व्यापार वरीयता कार्यक्रम ‘जनरलाइज्ड तरजीही कार्यक्रम ‘ के तहत भारत का दर्जा बहाल करने पर विचार कर रहा है। यह जानकारी ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को दी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि नई दिल्ली से इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। फिलहाल इसके लिए अमेरिका-भारत की बातचीत हो रही है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर ने सीनेट फाइनेंस कमेटी के सदस्यों सदस्यों से बताया, ‘हम भारत से बात चीत कर रहे हैं, हमने उनका GSP दर्जा ले लिया था और यह उनसे मिलने वाले प्रस्ताव पर निर्भर करता है तभी हम इसे बहाल कर सकते हैं।’  

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ट्रम्प प्रशासन के शीर्ष व्यापार अधिकारी ने कहा कि अमेरिका वर्तमान में भारत के साथ एक बड़ी व्यापार वार्ता में है। “हम भारत के साथ एक बड़ी बातचीत कर रहे हैं जो मुझे यकीन है कि आप किसी बिंदु पर एफटीए के लिए आगे बढ़ रहे हैं। वहीं  मोंटाना के सीनेटर स्टीव डाइन्स ने भारत द्वारा दालों पर उच्च आयात शुल्क पर अपनी चिंता व्यक्त की, जो दालों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और मोंटाना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है।

गौरतलब है कि ‘जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज, GSP  अमेरिका द्वारा अन्य देशों को व्यापार में दी जाने वाली प्राथमिकता की पुरानी प्रणाली है जो काफी व्यापक है। तरजीह की सबसे पुरानी और बड़ी प्रणाली है।  1976 में विकासशील देशों की आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए इस प्रणाली को शुरू किया गया था। इसके तहत दर्जा प्राप्त देशों को हजारों सामान बिना किसी शुल्क के अमेरिका को निर्यात करने की छूट है। 2017 से भारत को इस दर्जा के तहत छूट मिलना शुरू हुआ। अभी तक लगभग 129 देशों को करीब 4,800 सामानों के लिए इस  प्रणाली से लाभ हुआ है। 

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बता दें इसी माह की शुरुआत में अमेरिका द्वारा भारत को मिला जीएसपी का दर्जा खत्म करने का फैसला लागू हुआ। इससे नई दिल्ली द्वारा अमेरिका को निर्यात महंगा हो जाएगा। GSP  के तहत अमेरिका में भारत के सामानों को शुल्क में छूट मिलती थी जो अब खत्म हो गया है। इसके अलावा अमेरिका में भारत को जीएसपी के तहत मिलने वाली छूट समाप्त करने से इंजिनियरिंग क्षेत्र पर सबसे अधिक असर पड़ेगा। 





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