- 2021 में होने हैं पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव
- अमित शाह की वर्चुअल रैली, 8 जून को करेंगे लोगों को संबोधित
- बंगाल बीजेपी ने तैयार की पांच दिनों के कार्यक्रम की रूपरेखा
- कोविड-19 और अम्फान को बनाएंगे ममता बनर्जी के खिलाफ मुद्दा
- प्रदेश बीजेपी घर-घर जाकर लोगों को बताएगी टीएमसी सरकार की खामियां
कोलकाता
भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब चुनावी मोड में आ गई है। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं वहां रैलियों की तैयारियां होने लगी हैं। बिहार (Bihar) में ऑनलाइन रैली की तारीख घोषित होने के बाद अब बीजेपी ने पश्चिम बंगाल (West bengal) में अमित शाह (Amit Shah) की वर्चुअल रैली की तारीख तय की है। खास बात यह है कि अमित शाह बिहार से एक दिन पहले 8 जून को ममता के गढ़ में ऑनलाइन गरजेंगे।
राज्य में पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने कहा कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार के दूसरे कार्यकाल के प्रथम वर्ष की उपलब्धियों और कोविड-19 से निपटने के लिए केन्द्र द्वारा उठाए कदमों से अवगत कराने के लिए लोगों से सम्पर्क करेगी।
शाह का तंज, BJP यूं पूरी करेगी ममता की इच्छा
पांच दिवसीय होगा अभियान
घोष ने कहा कि अभी जन रैली प्रतिबंधित है। इसलिए हम सोशल मीडिया पर ऑनलाइन रैली (Online rally) करेंगे। यह पांच दिवसीय अभियान होगा, जिसकी शुरुआत आठ जून से की जाएगी। आम रैलियों की तरह इसमें भी कई वक्ता होंगे और इसके प्रमुख वक्ता अमित शाह होंगे जो 8 जून को लोगों को नई दिल्ली से लोगों को संबोधित करेंगे।
अम्फान और कोरोना को बनाएंगे मुद्दा
शाह ने आखिरी बार कोलकाता (Kolkata) में एक मार्च को सीएए के समर्थन में शहीद मीनार मैदान में रैली की थी। बीजेपी सूत्रों के अनुसार इस ऑनलाइन रैली में राज्य की बीजेपी इकाई कोविड-19 (Covid19) और चक्रवात अम्फान (Amphan) के दोहरे संकट से निपटने में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) पार्टी की नाकामी पर जोर देगी।
ममता पर होगा वार
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘इन रैलियों के दौरान बीजेपी प्रचार करेगी कि राज्य सरकार ने संकट के समय किस तरह लापरवाही दिखाई। कैसे हमारी पार्टी के नेताओं को राहत कार्य नहीं करने दिए गए, कैसे हमारे नेताओं को चक्रवात प्रभावित इलाकों में जाने नहीं दिया गया?’
बंगाल की इकाई का सोमवार को ही किया था गठन
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने सोमवार को अपनी पश्चिम बंगाल इकाई का गठन किया था। इनमें कई नए चेहरों को शामिल किया गया और सीएए तथा एनआरसी पर पार्टी के रुख का विरोध करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) के रिश्तेदार चंद्रप्रकाश बोस (Chandra Prakash Bose) को हटा दिया गया है।