छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच बढ़ी तल्ख़ी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के केंद्र को दिए इन सुझावों से चलता है पता

सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि कोविड-19 के नियंत्रण के लिए किए जा रहे राष्ट्रीय प्रयासों में छत्तीसगढ़ ने अपना योगदान बखूबी दिया है. संक्रमण पर नियंत्रण के साथ-साथ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के काम में भी केन्द्र सरकार और अन्य राज्य सरकारों का निरंतर सहयोग हमारी सरकार कर रही है.

रायपुर: कोरोना संकट के इस दौर में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार और केंद्र सरकार के बीच तल्खी साफ नजर आ रही है. चाहे आर्थिक सहायता हो या फिर श्रमिकों के लिए चलाई जा रही स्पेशल ट्रेन, मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही केंद्र सरकार से अलग-अलग मौकों पर नाराजगी जाहिर की है. शुक्रवार को भूपेष बघेल ने केंद्र सरकार को पत्र लिख तीसरे चरण के लॉकडाउन के उपरांत आगे की रणनीति के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुझाव दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 मई को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में लॉकडाउन 3 के बाद आगे की रणनीति पर सुझाव मांगे थे.

जानिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पत्र लिखकर क्या क्या सुझाव दिए

1. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए व्यापारिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को सावधानी बरतते हुए पुनः प्रारंभ किया जाना आवश्यक है. इसके लिए कंटेनमेंट जोन को छोड़कर शेष सभी क्षेत्र में आवश्यक के साथ-साथ गैर आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए.

2. वाहनों की बिक्री करने वाले समस्त प्रकार के शोरूम एवं वर्कशाप संचालन की अनुमति हो. समस्त प्रकार के ई-कामर्स के लिए अनुमति दी जा सकती है.

3. होटल व्यवसाय को फिजिकल डिस्टेंस के पालन की शर्तों के तहत केवल रहवासी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अनुमति दी जा सकती है. होटलों में संचालित रेस्टोरेंट, बार, स्पा इत्यादि को अभी अनुमति न दी जाए.

4. इसी प्रकार व्यक्तिगत रूप से सेवाएं देने वाले सभी प्रकार के टेक्नीशियन, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक, मिस्त्री इत्यादि के लिए अनुमति दी जानी चाहिए साथ ही उनको अपने टूल्स, उपकरण एवं अन्य सामग्री के लिए दुकान संचालन की भी अनुमति देनी चाहिए.

5. नगरीय क्षेत्रों में भी समस्त प्रकार के निर्माण कार्य हेतु अनुमति फिजिकल डिस्टेंस के पालन की शर्त पर देनी चाहिए. इसके लिए श्रमिकों के परिवहन की व्यवस्था के लिए पास की अनुमति होना अनिवार्य किया जा सकता है.

6. राज्यों को उनके विभिन्न जिलों को रेड जोन, ऑरेंज जोन एवं ग्रीन जोन में वगीकृत करने का अधिकार होना चाहिए. इसके लिए पारदर्शी मापदंड केन्द्र सरकार निर्धारित करे.

7. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अतिरिक्त नई ट्रेने केवल संबंधित राज्यों की सहमति से ही चलायी जानी चाहिए.

8. इसी प्रकार वायु मार्ग से व्यक्तियों का परिवहन केवल फंसे हुए व्यक्तियों के लिए होना चाहिए. सामान्य एवं गैर आवश्यक कारणों से आने-जाने की अनुमति अभी दिया जाना उपयुक्त नही होगा.

9.उन्होंने लिखा है कि अंतर्राज्यीय सीमाओं को अभी खोलना उपयुक्त नहीं होगा. अंतर्राज्यीय परिवहन केवल फंसे हुए श्रमिकों एवं अन्य श्रेणीयों के व्यक्तियों के लिए होना चाहिए. इन व्यक्तियों के आने की सूचना राज्यों के बीच साझा की जानी चाहिए ताकि क्वारेंटीन सहित अन्य आवश्यक उपाय किए जा सकें.

10. गैर आवश्यक अंतर्राज्यीय परिवहन पर 15 जून तक प्रतिबंध रखना फिलहाल आवश्यक है. केवल अत्यावश्यक कारणों से अनुमति सहित परिवहन होना चाहिए.

सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि प्रथम चरण के लॉकडाउन उपरांत धीरे-धीरे विभिन्न प्रकार की छूट भारत सरकार द्वारा दी गई है. साथ ही बड़ी संख्या में अन्य कोरोना संक्रमण प्रभावित प्रदेशों से छत्तीसगढ़ में श्रमिकों एवं अन्य व्यक्तियों का आगमन हो रहा है. इससे छत्तीसगढ़ में पुनः संक्रमण के फैलने की आशंका है. अतः आगामी कुछ माह में सावधानी की दृष्टि से अंतर्राज्यीय सीमाएं खोलना उपयुक्त नहीं होगा.

मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी से इन सुझावों पर विचार करने का अनुरोध करते हुए लिखा है कि राज्यों को सशक्त करने से निश्चित रूप से कोरोना से लड़ने में उनकी क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी. केन्द्र शासन एवं अन्य राज्य सरकारों के सहयोग के लिए हमारी सरकार सदैव तैयार है.

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