जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल की पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत की अवधि को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया है। बता दें कि आईएएस टॉपर रहे शाह फैसल जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही हिरासत में हैं।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद फैसल ने कहा था कि कश्मीर में अप्रत्याशित बंद चल रहा है और उसकी 80 लाख की आबादी कैद कर ली गई है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। वह जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष हैं।
Detention of former IAS official Shah Faesal extended by 3 months under Public Safety Act: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) May 13, 2020
पिछले साल अगस्त महीने शाह फैसल को दिल्ली हवाई अड्डे से वापस कश्मीर भेज दिया गया था और वहां पहुंचने के बाद उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया। इसके बाद इस साल फरवरी में उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद बाद राज्य के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, अली मोहम्मद सागर आदि पर भी जन सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
क्या है जनसुरक्षा कानून
जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत दो प्रावधान हैं-लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को खतरा। पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।