जयललिता के भतीजे और भतीजी के हक में संपत्ती का फैसला सुनाने के बाद कोर्ट ने कहा कि ये दोनों हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत उनकी संपत्तियों के हकदार हैं.
फाइल फोटो
चेन्नई: तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की करोड़ों रुपये की संपत्ति का उनके भतीजे और भतीजी को कानूनी वारिस घोषित कर दिया. इसके बाद मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि ये दोनों हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत उनकी संपत्तियों के हकदार हैं.
‘हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत बने हकदार’
न्यायमूर्ति एन किरूबाकरण और न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दूस की एक पीठ ने एक आदेश पारित किया जिसमें कहा गया है कहा कि जयललिता के भतीजे और भतीजी दीपक और दीपा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 15 (2)(ए) के तहत उनके कानूनी उत्तराधिकारी हैं.
दीपक और दीपा हैं जयललिता के भतीजा और भतीजी
आदेश में कहा गया, “27 मई को पारित आदेश में यह गलती से कहा गया है कि याचिकाकर्ता (दीपक) और दीपा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की प्रविष्टि चार श्रेणी दो के तहत दिवंगत जयललिता के कानूनी उत्तराधिकारी बन गए हैं”
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अपनी मां से विरासत में मिली संपत्तियों के संबंध में, याचिकाकर्ता और प्रतिवादी अधिनियम की धारा 15 (2) (ए) के अनुसार कानूनी उत्तराधिकारी हैं.
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