जीएसटी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोनोवायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि एक्ट ऑफ गॉड के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था का संकुचन हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि 5 घंटे लंबी जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों की क्षतिपूर्ति के दो विकल्पों पर चर्चा हुई। वहीं एजी का स्पष्ट मत था कि क्षतिपूर्ति अंतर को भारत के समेकित कोष से पूरा नहीं किया जा सकता है। विकल्प 1 को जीएसटी काउंसिल को प्रस्तुत किया गया था, जो आरबीआई के परामर्श से 97000 करोड़ रुपये उचित दर दर पर प्रदान करने के लिए राज्यों को एक विशेष विंडो प्रदान करे। राजस्व सचिव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह पर बहुत बुरा असर पड़ा है।
Two-wheelers may merit to go to the GST council for a consideration: Finance Minister Nirmala Sitharaman on being asked about GST cut for two-wheelers during the media briefing of 41st GST Council meet pic.twitter.com/FT0r3Hp86e
— ANI (@ANI) August 27, 2020
केंद्र ने राज्यों से राजस्व में कमी की भरपाई के लिये बाजार से कर्ज लेने को कहा है। केंद्र के इस कदम का गैर-राजग दलों के शासन वाले प्रदेश विरोध कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण की अध्यक्षता में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 41वीं बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये हो रही है। इसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। बैठक में राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई के मुद्दे पर चर्चा हो रही है।
कांग्रेस और गैर-राजग दलों के शासन वाले राज्य इस बात पर जोर दे रहे हैं कि घाटे की कमी को पूरा करना केंद्र सरकार की सांवधिक जिम्मेदारी है। वहीं केंद्र सरकार ने कानूनी राय का हवाला देते हुए कहा कि अगर कर संग्रह में कमी होती है तो उसकी ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। सूत्रों के अनुसार केंद्र के साथ-साथ भाजपा-जद (यू) शासित बिहार की राय है कि राज्यों को कर राजस्व में कमी कमी की भरपाई के लिये बाजार से कर्ज लेना चाहिए। कर राजस्व में कमी के साथ कोविड-19 संकट से राज्यों के लिये समस्या और बढ़ गयी है।
सूत्रों के अनुसार बैठक में जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, उनमें बाजार से कर्ज, उपकर की दर में वृद्धि या क्षतिपूर्ति उपकर के दायरे में आने वाले वस्तुओं की संख्या में वृद्धि, शामिल हैं। कपड़ा और जूता-चप्पल जैसे कुछ उत्पादों पर उल्टा शुल्क ढांचा यानी तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक दर से कराधान को ठीक करने पर भी चर्चा होने हो सकती है। बैठक का माहौल कैसा होगा, उसका संकेत पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री अमित मित्रा ने 26 अगस्त को सीतारमण को पत्र लिखकर दे दिया था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि राज्यों को जीएसटी राजस्व संग्रह में कमी को पूरा करने के लिये बाजार से कर्ज लेने के लिये नहीं कहा जाना चाहिए।