शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक ने अमेरिका में अपने ऊपर पाबंदी लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के फैसले को अदालत में सोमवार (24 अगस्त) को चुनौती दी। उसने राष्ट्रपति ट्रंप की सरकार में वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस और वाणिज्य विभाग के खिलाफ कैलिफोर्निया की एक अदालत में मामला दायर किया है जिसमें उन्हें तथाकथित अनधिकृत कार्रवाई से रोकने का आग्रह किया है। कंपनी ने छह अगस्त को उस पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को लेकर यह वाद दायर किया है। टिकटॉक को भारत में भी प्रतिबंध का सामना करना पड़ा है। इसकी मालिक चीन की बाइटडांस कंपनी है।
टिकटॉक ने सोमवार को कहा कि वह अमेरिकी की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है। ट्रंप सरकार ने बिना किसी सबूत या पूरी प्रक्रिया का पालन किए बगैर उस पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया है। कंपनी ने अपनी याचिका में अदालत से सरकार के ‘अभेद्य’ प्रतिबंध से सुरक्षा की मांग की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे के आधार पर अगस्त में टिकटॉक को लेकर दो कार्यकारी आदेश जारी किए। इसमें एक आदेश बाइटडांस के साथ किसी भी तरह के ‘लेनदेन’ पर प्रतिबंध लगाता है, जो 45 दिन के भीतर प्रभावी हो जाएगा। दूसरा बाइटडांस को अमेरिका में टिकटॉक की मदद करने वाली परिसंपत्तियों को बेचने का आदेश है।
क्या मुकेश अंबानी खरीदेंगे TikTok? भारतीय बिजनेस खरीदने पर चल रही है बात- रिपोर्ट
टिकटॉक के अमेरिका में 10 करोड़ से अधिक उपयोक्ता हैं। कंपनी पिछले एक साल में अपनी चीनी मालिक कंपनी और ऐप के बीच दूरी बनाने की कोशिश कर रही है। कंपनी ने डिज्नी एक पूर्व शीर्ष कार्यकारी को अपने अमेरिकी परिचालन का सीईओ बनाया है। साथ ही अपने अंग्रेजी भाषा के परिचालन वाली ऐप में हिस्सेदारी बिक्री को लेकर माइक्रोसॉफ्ट के साथ चर्चा भी कर रही है। अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के सांसद ने टिकटॉक को लेकर चिंता जताई है।
टिकटॉक का कहना है कि उसने अमेरिकी उपयोक्तओं की कोई जानकारी चीन की सरकार के साथ साझा नहीं की है और ना ही वह ऐसा करेगी। अमेरिकी सरकार ने इसके लिए कोई सबूत उपलब्ध नहीं कराया है। इसके स्थान पर वह मनगढ़ंत आरोप लगा रही है कि चीन की सरकार के पास चीनी कंपनियों से सहयोग के नाम पर डाटा मांगने का अधिकार है।
Tiktok के अमेरिकी ऑपरेशन को खरीदने के लिए Twitter भी अब रेस में- सूत्र
कंपनी ने कहा कि उसने अमेरिकी उपयोक्ताओं की सुरक्षा के लिए संबंधित डाटा को सिंगापुर और अमेरिका में स्टोर किया है ना कि चीन में। कंपनी ने कहा कि ट्रंप के टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के छह अगस्त के आदेश को लेकर ना तो कोई नोटिस दिया गया और ना ही उसे अपनी सफाई पेश करने का मौका दिया गया। यह कंपनी मामलों से जुड़ी एक तय प्रक्रिया का उल्लंघन है।