India China Clash Martyr: पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प (India China Standoff) में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) का पार्थिव शरीर उनके घर विद्यानगर पहुंचा। रास्ते में लोगों ने तिरंगा लहराकर गर्व जताया और फूलों की बारिश की।
Edited By Shatakshi Asthana | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
- लद्दाख में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा
- सड़क के रास्ते हकीमपेट से ऐंबुलेंस के जरिए विद्यानगर पहुंचा पार्थिव शरीर
- अंतिम दर्शन को उमड़े लोग, रास्ते में तिरंगा लहराते फूल बरसाते रहे लोग
हैदराबाद
पूर्वी लद्दाख में भारत की सीमा (India-China LAC at Ladakh) की रखवाली करते हुए शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) का पार्थिव शरीर जब बुधवार देर रात उनके घर विद्यानगर पहुंचा तो वहां उमड़ी भीड़ की आंखों में नमी तो थी, लेकिन उससे कहीं ज्यादा गर्व से उनके सीने चौड़े थे। सेना के जवान ऐंबुलेंस से तिरंगे में लिपटे इस वीर के पार्थिव शरीर को बाहर ला रहे थे, उस वक्त सारा माहौल ‘संतोष बाबू अमर रहें’ के नारे से गूंज रहा था। कर्नल उन 20 जवानों में से एक थे जो गलवान घाटी में चीन के साथ खूनी संघर्ष के दौरान शहीद हो गए थे।
देश याद रखेगा शहादत
उनका पार्थिव शरीर नई दिल्ली से विशेष विमान से हैदराबाद के पास हकीमपेट एयरफोर्स बेस पर रात 8 बजे पहुंचा। तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसई सौंदर्राजन और तेलंगाना के आईटी और इंडस्ट्रीज मिनिस्टर केटी रामा राव एयरपोर्ट पर पहुंचे लोगों में से थे जिन्होंने कर्नल संतोष के अंतिम दर्शन किए। इसके बाद उन्हें विद्यानगर लाया गया। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि कर्नल संतोष की शहादत को देश याद रखेगा।
तिरंगा लेकर खड़े रहे लोग
हकीमपेट से सड़क के रास्ते कर्नल को उनके घर लाया गया। ऐंबुलेंस के रास्ते में हाथों में तिरंगा लेकर खड़े लोग फूलों की बरसात करते रहे। ऐंबुलेंस में कर्नल की पत्नी संतोषी और बच्चे भी साथ थे। हकीमपेट एयरफोर्स स्टेशन पर सीनियर सरकारी अधिकारी और तेलंहाना हेडक्वॉर्टर के मिलिट्री कर्मियों ने पार्थिव शरीर को सैन्य सम्मान के साथ रिसीव किया।
श्रद्धांजलि देने उमड़ी भीड़
गर्व से लगे नारे
तेलंगाना में कई जगह लोगों ने और राजतीनिक कार्यकर्ताओं ने सैन्य अफसर को फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। लोग ‘सैनिकों को सलाम’ के पोस्टर लेकर खड़े थे, तो कहीं ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए जा रहे थे।
सूर्यपेट के कलेक्टर टी विनय कृष्ण रेड्डी ने बताया, ‘अंतिम संस्कार परिवार की जमीन पर गुरुवार को होगा। परिजन सुबह सभी काम करेंगे। उसके बाद सैन्य सम्मान के तहत अंतिम संस्कार होगा। अंतिम संस्कार के दौरान सिर्फ 50 लोगों को रहने की इजाजत होगी। मीडिया के लिए अलग से सेक्शन बनाया जाएगा।’