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…तो मंत्री बनने के लिए शिवराज पर अपने बना रहे हैं दबाव?

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…तो मंत्री बनने के लिए शिवराज पर अपने बना रहे हैं दबाव?

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Edited By Muneshwar Kumar | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

NBT
हाइलाइट्स

  • कैबिनेट विस्तार से पहले बीजेपी में प्रेशर पॉलिटिक्स
  • मंत्री पद के दावेदार अलग-अलग तरीके से बना रहे हैं दबाव
  • पूर्व मंत्री पटवा ने अलापा विधायकों के परफॉर्मेंस का राग
  • राज्यसभा चुनाव तक टल सकता है शिवराज कैबिनेट का विस्तार

भोपाल

शिवराज कैबिनेट का विस्तार (shivraj cabinet expansion) टलते ही जा रहा है। एक इंटरव्यू के दौरान शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने कहा है कि कोरोना संकट से उबरने के बाद कैबिनेट का विस्तार करेंगे। इससे साफ है कि कैबिनेट का विस्तार अभी नहीं होने वाला है। इस बीच अपने लोग ही अब इशारों-इशारों में सरकार पर दबाव बना रहे हैं। कैबिनेट विस्तार से पहले शिवराज के सामने सबसे बड़ी चुनौती भी इन्हीं लोगों को साधने की है।

कैबिनेट विस्तार की आहट के साथ ही भोपाल में बीजेपी के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगने लगता है। मंगलवार को भी बंद कमरे में बीजेपी के 3 नेता जमे थे। तीनों मंत्री पद के दावेदार हैं और प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, विजय शाह और गौरीशंकर बिसेन ने भार्गव के बंगले पर घंटों मंत्रणा की थी। उसके बाद सीएम शिवराज से मिलकर घंटों चर्चा की। हालांकि तीनों नेताओं ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया।

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शुक्ला ने सोनू से मांगी मदद

वहीं, मंत्री पद के दावेदारों में शामिल रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला ने भी इशारों-इशारों में सरकार पर सवाल उठा दिया। शुक्ला ने रीवा में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए अभिनेता सोनू सूद से मदद मांगी। उसके बाद एमपी में कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेर लिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार पर अपने लोग ही सवाल उठा रहे हैं। विवाद बढ़ा तो राजेंद्र शुक्ला ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि मैंने तो क्रॉस चेक करने के लिए ऐसा किया था।

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काट रहे हैं भोपाल के चक्कर

शिवराज सरकार के गठन के बाद से ही राजेंद्र शुक्ला भोपाल के चक्कर काट रहे हैं। मंत्री बनने के लिए वह लगातार भोपाल में आ रहे हैं। कई बार सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी मिले हैं। पूर्व में भी मंत्री रहे हैं। इस बार दावेदारों की संख्या बढ़ गए हैं। ऐसे में बिना फिल्डिंग किए शायद मंत्रिमंडल में जगह मिलना मुश्किल है। राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि यह एक तरीके से प्रेशर पॉलिटिक्स ही हैं।

पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा ने छेड़ा परफार्मेंस राग

वहीं, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा ने मंत्रिमंडल में जगह के लिए परफॉर्मेंस का राग छेड़ा है। पटवा को लगता है कि सिंधिया समर्थकों के चक्कर में कहीं उनका पता न कट जाए। बुधवार को पटवा ने मीडिया से बात करते हुए शिवराज कैबिनेट में परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्री बनाए जाने की मांग उठा दी है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पूर्व की उपलब्धियां गिनाई हैं। पटवा ने कहा है कि हमारे पर्यटन मंत्री रहते हुए, प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में लगातार 5 बार बेस्ट टूरिज्म का अवॉर्ड मिला है।

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पटवा को टेंशन क्यों

दरअसल, पटवा इसलिए बेचैन हैं, क्योंकि सिंधिया समर्थक प्रभुराम चौधरी रायसेन जिले से ही आते हैं। प्रभुराम कमलनाथ की सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री थे। ऐसे में उम्मीद है कि प्रभुराम फिर से मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। प्रभुराम अगर मंत्रिमंडल में शामिल होते हैं, तो पटवा का पता कट जाएगा। क्योंकि छोटे जिले से सरकार में 2 मंत्री शामिल नहीं हो सकते हैं। ऐसे में पटवा की बेचैनी बढ़ गई है। हालांकि उनका कहना है कि मंत्रिमंडल का विस्तार सीएम शिवराज सिंह चौहान का विशेषाधिकार है।

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