दिल्ली के नगर निगमों तीनों महापौर फंड न मिलने के कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर बैठ गए थे. वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करने और फंड की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री आवास पुहंचे थे लेकिन मुलाकात न होने पर तीनों महापौर उनके घर के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे. तीनों नगर निगमों का आरोप है कि सरकार पर 13 हजार करोड़ रुपये का फंड बकाया है.

आरोप है कि दिल्ली सरकार उनका फंड जारी नहीं कर रही है, इसी वजह से कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं कर पा रहे हैं. सोमवार सुबह से धरने पर बैठे महापौरों से देर शाम दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन बात करने आए. मंत्री ने तीनों नगर निगमों को कुछ ही दिनों में फंड देने का आश्वासन दिया.

सत्येंद्र जैन ने MCD के मेयरों को दिया आश्वासन

सत्येंद्र जैन ने मेयरों से बात करने के बाद मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि, “मैंने उनसे कहा है कि केंद्र सरकार पूरे देश के सभी कॉरपोरेशन में प्रति व्यक्ति 468 रुपये देती है. केंद्र सरकार पर 12 हजार करोड़ पिछले 10 साल के बनते हैं, उनसे मांगे, वह जरूर दे देंगे. इसके अलावा दिल्ली सरकार पर जो बकाया है वह हम दे देंगे. एमसीडी के अंदर भ्रष्टाचार है वह खत्म हो जाए तो पैसों की कमी ही नही है.”

MCD और सरकार दोनों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने मेयरों से मिलने खुद तो बाहर नहीं आए लेकिन मंत्री सत्येंद्र जैन ने आकर तीनों से बातचीत की. बातचीत में सत्येन्द्र जैन की तरफ से एमसीडी में भ्रष्टाचार को लेकर आरोप लगाए गए तो वहीं तीनों महापौरों ने सरकार के अंदर भ्रष्टाचार की बात कही. बाद में फंड मिलने के आश्वासन के बाद तीनों महापौरों ने धरना खत्म किया.

सरकार के इस रवैये को लेकर तीनों महापौरों ने एबीपी न्यूज़ के सामने अपनी बात रखी. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर अनामिका मिथिलेश का कहना है कि “जब बजट को लेकर बात हुई तो आश्वासन दिया लेकिन निगम में भ्रष्टाचार की बात कर रहे थे. हमने उनसे सफाई और एमसीडी के कामों की बातें कही. वह अच्छे अच्छे कामों पर ध्यान नहीं दे रहे थे. उनके कुम्भ में खुद इतने भ्रष्टाचारी है.”

तो वहीं उत्तरी दिल्ली नहर निगम के महापौर जयप्रकाश ने कहा, “आज सुबह से धरने पर बैठे थे. हमारी भावना है कि हमारे कर्मचारियों को वेतन मिले. दिल्ली सरकार को जिम्मेदारी पूर्ण रवैये अपननाना चाहिए था.” पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन ने भी अपनी बात रखी और कहा कि “पहले 20 हजार करोड़ का बजट था तब कभी कर्मचारियों का वेतन नहीं रुके. आज 60 हज़ार का बजट है आज कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है.”

दावा- 13 हजार करोड़ का फंड बकाया

तीनों नगर निगमों का दावा है कि 13 हजार करोड़ रुपये का तीनों नगर निगमों का फंड बकाया है. दिल्ली सरकार फंड जारी नहीं कर रही हैं इसकी वजह से कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं कर पा रहे हैं. दरअसल अपने वेतन की मांग को लेकर निगम के डॉक्टर लगातार संघर्ष कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना काल में उन्होंने अपनी जान दाव पर लगाकर दिन रात बिना की भेदभाव के लोगों की सेवा की है. इसके बदले में वो ज्यादा कुछ नहीं केवल अपना वेतन मांग रहे हैं और उनको वो भी नहीं दिया जा रहा है. आर्थिक तंगी से गुजर रहे ये डॉक्टर और कर्मचारी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले गए हैं.

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