हुड़दंगियों को पुलिस का मिला संरक्षण!
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिये वोटिंग के कुछ दिन ही बचे हैं चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों ही एड़ी चोटी का दम लगा कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ये बात भी चर्चा में है कि इस चुनाव के परिणाम से भाजपा की साख दांव पर लगी है। अगर यह चुनाव भाजपा हारती है तो उसकी साख गिर जायेगी। 31 साल तक उसकी सरकार दिल्ली में नहीं बन पायेगी। पिछले 11 साल से भाजपा देश के 20 प्रदेशों में राज कर रही है। इसके बावजूद वो दिल्ली में सत्ता पाने में विफल रही है। दिल्ली में उस पार्टी की सरकार बनी है जिसका जन्म ही 2013 में हुआ है। एक ऐसी पार्टी जिसका इतिहास ही केवल 11 साल का है उससे देश की सबसे बड़ी और धनसंपन्न बीजेपी तीन चार बार हार चुकी है। वो ऐसे समय में जब देश के पीएम नरेंद्र मोदी हैं ​और राजनीतिक चाणक्य अमित शाह हैं जो किसी भी सूरत में जीत हासिल करना जानते हैं। भाजपा के उम्मीदवारों पर कई बार यह आरोप लगे हैं कि वो आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मारपीट करने पर उतारू हो रहे हैं। रोहिणी के विधायक मोहिंदर गोयल ने भी भाजपा नेता पर जानलेवा करने का आरोप लगाया है।
अभद्र भाषण और मारपीट का दौर
वर्तमान दिल्ली विधानसभा का चुनाव भाजपा के लिये जीने मरने वाला है इसलिये भाजपा और केन्द्र सरकार किसी भी सूरत में दिल्ली फतेह करना चा​हती है। इसके लिये उसने पुलिस, सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल भी किया है। जब से मतदान की तिथि ऐलान हुई है तब से भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आम आदमी पार्टी के नेताओं पर भाषणों के जरिये और फिजिकल अटेक भी किये हैं। ताजा मामला तो पंजाब के पत्रकारों पर अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला किया है। ये लोग चुनावी कवरेज कर रहे थे। 2 फरवरी की रात में पंजाब से दिल्ली चुनाव की कवरेज हमला करने आये स्पोक्समैन रोजाना के कुलदीप सिंह और उनके एक साथी पर पीएम आवास के सामने कुछ अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला किया। अफसोस की बात ये कि हमला पुलिस की मौजूदगी मे किया गया। इतना ही नहीं हमलावरों को पुलिस ने रोकने या पकड़ने का प्रयास भी नहीं किया। उल्टा पत्रकारों को रातभर पार्लियोंट स्ट्रीट थाने में बैठाया और उनका मेडिकल भी कराया। दिल्ली पुलिस की यह करतूत बता रही है कि उनकी मंशा हमलावरों को रोकने या पकड़ने की बिल्कुल नहीं थी। ये घटना ऐसे वक्त में हुई जबकि आचार संहिता लगी हुई है। पीएम आवास के ठीक सामने गुंडागर्दी होना पुलिस की नाकामी ओर लापरवाही को पुख्ता करती है। इस घटना से दिल्ली और देश के पत्रकारों में रोष व्याप्त हैं। उनका कहना है पिछले दस 11 सालों में पुलिस का उत्पीड़न बढ़ता जा रहा हैे। चर्चा यह है कि हमलावर सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता थे जिस वजह से पुलिस उनको रोकने या पकड़ने की जेहमत नहीं उठायी। पुलिस की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।
केजरीवाल पर जानलेवा हमला और प्रचार वाहन भी तोड़ा
पिछले माह जनवरी के अंतिम सप्ताह में अरविंद केजरीवाल के वाहन पर उस समय जानलेवा हमला हुआ जब वो अपने क्षेत्र में दैरा कर रहे थे।

ExJNU Student leader had arrested in 2020 Delhi riot. After 1000 days did not get bail

उनके वाहन के आगे कुछ अज्ञात लोगों ने रास्ता रोका बाद में पत्थर फेंकें। आप ने आरोप लगाया कि केजरीवाल पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जानलेवा हमला किया। पार्टी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि हमलावरों में बीजेपी का कार्यकर्ता अंकित त्यागी और शैंकी पहचाना गया है इन दोनों पर ही संगीन धाराओं में केस चल रहे हैं। इसके अलावा ये लोग भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के करीबियों में बताया जाता है। इसलिये मामले में पुलिस कोई कार्रवाई की इस बात की जानकारी नहीं है। प्रवेश वर्मा पर इससे पहले भी आचार संहिता उल्लंघन के आरोप ​आम आदमी पार्टी ने लगाये हैं। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए है जिसमे वो अपने आवास पर वोटरों को कैश बांटते दिख रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह सब पुलिस की निगरानी में किया जा रहा था।
आप का प्रचार वाहन तोड़ने में भी अंकित और शैंकी दिखे
तीन चार दिन पहले भी नयी दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के प्रचार वाहन पर कुछ लोगों ने तोड़ फोड़ और कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की इस हमले में आप का कहना है कि वीडियो अंकित त्यागी और शैंकी शामिल थे। इन्हें केजरीवाल के वाहन पर हमला करते भी देखा गया था। इन दोनों पर दिल्ली पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया है। वो दोनों खुलेआम प्रवेश वर्मा के प्रचार और आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला करते दिख रहे है। आम आदमी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया है कि कालका जी सीट से बीेजेपी के नेता रमेश बिधूड़ी अपने विवादित बयानों से कुछ ज्यादा ही कुख्यात हैं। पहले उसने प्रियंका गांधी पर विवादित टिप्पणी की उसके कुछ घंटों के बाद ही उसने सीएम आतिशी पर अभद्र टिप्पणी कर हैरान कर दिया। इस बात को लेकर काफी हो हल्ला हुआ। लेकिन भाजपा ने इस मामले पर चुप्पी साध ली। पहले तो यह लगा कि रमेश विधूड़ी को कालकाजी से हटा कर किसी दूसरी सीट से चुनाव लड़वााया जायेगा लेकिन यह सिर्फ अफवाहही रही। विधूड़ी ही चुनाव लड़ रहे हैं।
दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध
पिछले बीस पच्चीस दिनों से यह देखा जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ता व नेता अचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। चुनाव आयोग की निष्क्रियता और निठल्ले पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस भी सत्तापक्ष के लोगों के साथ कदमताल करते दिख रही है। नेता खुलेआम विपक्षी नेताओं के साथ अभद्रता और मारपीट कर रहे हैं। न तो इन हरकतों पर पुलिस कोई ऐक्शन ले रही है और न ही चुनाव आयोग की ओर से कोई कार्रवाई की जा रही है। चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस की कार्रवाई केवल आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कर रहे हैं। सीएम आतिशी और कांग्रेस नेता सांसद प्रियंका गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद भी चुनाव आयोग की ओर रमेश विधूड़ी पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है। इसके अलावा केजरीवाल पर जानलेवा हमला और रोहिणी के विधायक मोहिंदर गोयल पर मारपीट करने वालों पर चुनाव आयोग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं जतायी है। ऐसे समय पर लोगोंं को पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषण की याद आ रही है।

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