अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) ने उत्तर प्रदेश सरकार (UP Sarkar) को 36,36,664 रुपये का बिल भेजा है। यह लेटर 8 मई का है लेकिन मीडिया में आज सामने आया है। उधर, बीजेपी का दावा है कि योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने 19 लाख 76 हजार रुपये का भुगतान कर दिया है।
Edited By Shefali Srivastava | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
- बीजेपी और कांग्रेस के बीच बस पॉलिटिक्स दूसरे चरण में, राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार को भेजा 36 लाख का बिल
- गहलोत सरकार का यह बिल उन छात्रों के नाम से भेजा गया है जिन्हें राजस्थान परिवहन की बसों से कोटा से यूपी भेजा गया था
- लेटर 8 मई का है, इसे यूपी में प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों को लेकर दोनों दलों के बीच छिड़े संग्राम से जोड़ा जा रहा
लखनऊ/जयपुर
बीजेपी और कांग्रेस के बीच बस पॉलिटिक्स (Bus Politics) दूसरे चरण में पहुंच गई है। अब राजस्थान सरकार (Rajasthan Sarkar) ने यूपी सरकार को 36 लाख का बिल भेजा है। ये बिल उन छात्रों के नाम से भेजा गया है जिन्हें राजस्थान परिवहन की बसों से कोटा से यूपी भेजा गया था। गहलोत सरकार ने बिल भेजकर तुरंत भुगतान के लिए कहा है। यह लेटर 8 मई का है लेकिन मीडिया में आज सामने आया है। इससे पहले यूपी में 1000 बसों के लेकर दलों के बीच जमकर संग्राम छिड़ा था।
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान कोटा में फंसे छात्रों की घर वापसी के लिए यूपी सरकार राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार की मदद की थी बसें भेजी थीं लेकिन छात्रों की संख्या अधिक होने की वजह से राजस्थान सरकार ने अपनी कुछ बसों से छात्रों को यूपी स्थित उनके घर भिजवाया था। राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार को कुल 36,36,664 रुपये का बिल भेजा है।
राजस्थान सरकार ने भेजा बिल
लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में करीब 12 हजार छात्र फंसे थे। इन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने घर पहुंचाने के लिए 560 बसें भेजी थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण राजस्थान सरकार ने 70 बसों का इंतजाम किया था। इन्हीं बसों का किराया अब राजस्थान सरकार मांग रही है। इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी ट्वीट किया है। संबित ने दावा किया कि योगी सरकार पहले ही डीजल के 19 लाख रुपये चुकी है।
संबित ने लिखा, ‘कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाते समय UP के कुछ बसों को डीजल की आवश्यकता पड़ गई ..दया छोड़िए ..आधि रात को दफ्तर खुलवा कर प्रियंका वाड्रा की राजस्थान सरकार ने UP सरकार से पहले 19 लाख रुपए लिए और उसके बाद बसों को रवाना होने दिया, वाह रे मदद।
इसे यूपी में कांग्रेस और बीजेपी के बीच बस पॉलिटिक्स से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस की तरफ से एक हजार बसों के मामले में यूपी में कांग्रेस-बीजेपी के बीच जमकर सियासत हुई। दोनों दलों के बीच लेटर वॉर हुआ। योगी सरकार ने बसों की मंजूरी दी तो प्रियंका गांधी की तरफ से इसकी लिस्ट भेजी गई जिसके बाद बीजेपी ने दावा किया कि कांग्रेस की तरफ से भेजी गई लिस्ट में टू-वीलर और थ्री वीलर के नंबर भी शामिल थे। दोनों दलों के बीच विवाद और बढ़ता गया, वहीं बुधवार को यूपी कांग्रेस चीफ को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।