कोरोना वायरस से देश में अब तक देश में संक्रमितों की संख्या 30 लाख के पार कर गई है। तेजी से फैल रही इस कोरोना महामारी से बचने के लिए लोगों को बेसब्री से कोरोना वैक्सीन का इंतजार है। स्वास्थ्य मंत्री से जब शनिवार को कोरोना वैक्सीन के आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि इस साल के अंत तक वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा, “हमारी एक वैक्सीन का परीक्षण तीसरे चरण में है। हमें पूरा विश्वास है कि इस साल के आखिर तक वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी।” हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में कोविड-19 से ठीक होने की दर ‘सबसे बेहतर’ करीब 75 प्रतिशत है और इसमें रोजाना सुधार हो रहा है, जबकि मृत्युदर दुनिया में ‘सबसे कम 1.87 प्रतिशत है।
दिल्ली के नजदीक गाजियबाद में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 10 बिस्तरों के अस्थायी अस्पताल का उद्घाटन करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ने 8 जनवरी से ही कोविड-19 से निपटने की रणनीति बनाने की शुरुआत कर दी थी जब दुनिया को इस महामारी की जानकारी मिली थी।
One of our COVID-19 vaccine candidates is in the third phase of the clinical trial. We are very confident that a vaccine will be developed by end of this year: Union Health Minister Harsh Vardhan https://t.co/saLgWS9uL7
— ANI (@ANI) August 22, 2020
उन्होंने कहा, ” कई बुद्धिमान लोगों, वैज्ञानिकों और नकारात्मक सोच वाले लोगों का आकलन था कि 135 करोड़ आबादी वाले भारत में जुलाई-अगस्त तक 30 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होंगे और 50 से 60 लाख लोगों की मौत हो जाएगी और देश की स्वास्थ्य प्रणाली इस महमारी से निपटने में ‘अक्षम है।”
हर्षवर्धन ने कहा, ”हालांकि, मुझे खुशी है कि आठ महीने की लड़ाई के बाद भारत में ठीक होने की दर सबसे बेहतर 75 प्रतिशत है और 30 करोड़ लोगों के संक्रमित होने के अनुमान के विपरीत संक्रमितों की संख्या 30 लाख तक भी नहीं पहुंची है।”
उन्होंने कहा, ”तथ्य यह है कि 22 लाख मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं और अन्य सात लाख भी जल्द स्वस्थ्य हो जाएंगे। मंत्री ने कहा कि यह सफलता समन्वित प्रयासों के साथ सभी (सरकार और लोगों) की साझेदारी से मिली है।” उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 से होने वाली मौतों की दर 1.87 प्रतिशत है जो दुनिया में सबसे कम है। मंत्री ने कहा कि इसमें रोजाना सुधार हो रहा है।
उन्होंने कहा, ”हमने पुणे में केवल एक जांच प्रयोगशाला से शुरुआत की थी लेकिन हमने संक्रमण का पता लगाने की क्षमता के साथ जांच क्षमता को भी मजबूत किया।” हर्षवर्धन ने कहा, ”आज, भारत में कोविड-19 जांच के लिए 1,511 प्रयोगशालाएं हैं और शुक्रवार को हमने करीब 10 लाख से ज्यादा नमूनों… करीब 10.23 लाख नमूनों की जांच की।”
उन्होंने कहा कि इतने कम समय में पूरे देश में कोविड-19 मरीजों को समर्पित 15 हजार अस्पतालों में 15 लाख बिस्तरों की व्यवस्था की गई और अगर इसमें पृथकवास सुविधा को भी जोड़ दिया जाए तो कुल बिस्तरों की संख्या 25 लाख है। हर्षवर्धन ने एनडीआरएफ को आपदा प्रबंधन के साथ-साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भी योगदान के लिए बधाई दी।
एनडीआरएफ ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा जिस अस्पताल का उदघाटन किया गया है, वह गाजियाबाद की आठवीं बटालियम में स्थित है और इसे वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुंसाधन परिषद (सीएसआईआर) की प्रयोगशाला केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रूडकी के सहयोग से तैयार किया गया है।
एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि बल की योजना मेक इन इंडिया अभियान को प्रोत्साहित करने के लिए सभी आपदा मोचन उपकरणों की खरीद रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और सीएसआईआर से करने की है।