कोरोना संकट के कारण 25 मार्च से 31 मई तक देश में लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप पड़ी थीं। चौथे लॉकडाउन में ढील मिली तो आर्थिक गतिविधियों ने गति पकड़ ली। इसी के साथ देश में पेट्रोल, डीजल तथा अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की मांग लॉकडाउन के शुरुआती दिनों की तुलना में दोगुने से अधिक हो गई है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन ने बुधवार को बताया कि इस साल अप्रैल के मुकाबले मई में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग दोगुनी हो गई थी तथा जून में इसमें और वृद्धि हुई है। बढ़ी मांग को देखते हुये कंपनी ने अपने तेल शोधन संयंत्रों में उत्पादन बढ़ाकर क्षमता का 83 प्रतिशत कर दिया।
पेट्रोल की मांग 70 और डीजल की 59 फीसद बढ़ी
इंडियन ऑयल का कहना है कि अप्रैल के मुकाबले मई में लगभग सभी पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में तेज इजाफा हुआ। पेट्रोल की मांग 70 फीसदी और डीजल की 59 फीसदी बढ़ी। कंपनी रोजाना 25 लाख रसोई गैस सिलिंडर रीफिल कर रही है और सिलिंडर की डिलिवरी में औसत बैकलॉग एक दिन से भी कम रह गया है हालांकि विमान ईंधन की मांग अब भी सामानय दिनों के मुकाबले 24 प्रतिशत कम है।
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लॉकडाउन के आरंभिक चरण में मांग काफी कम रह गई थी। इसे देखते हुये अप्रैल के आरंभ में इंडियन ऑयल ने उत्पादन घटाकर 39 प्रतिशत पर सीमित कर दिया था। लॉकडाउन के दूसरे चरण में आर्थिक गतिविधियों में थोड़ी बहुत छूट दिए जाने से मई के आरंभ में उत्पादन बढ़कर 55 प्रतिशत पर पहुंच गया। मई के अंत तक उसने अपना उत्पादन 78 प्रतिशत कर दिया था जिसे अब और बढ़ाकर 83 फीसदी कर दिया गया है। कंपनी ने बताया कि गुवाहाटी संयंत्र में रखरखाव का काम पूरा हो गया है। इससे इस महीने 90 प्रतिशत क्षमता पर उत्पादन शुरू हो जायेगा।