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Edited By Himanshu Tiwari | आईएएनएस | Updated:

- विशाखापट्टनम जासूसी कांड के मुख्य आरोपी को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया है
- भारतीय नौसेना की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को लीक करने का आरोपी अरेस्ट
- प्रमुख साजिशकर्ता मोहम्मद हारुन हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को गिरफ्तार किया गया
- पिछले साल यानी 2019 में 30 दिसंबर को, एनआईए ने जासूसी के इस मामले को अपने हाथ में लिया था
नई दिल्ली
विशाखाट्टनम जासूसी मामले (Visakhapatnam espionage case) में एक बड़ी सफलता के रूप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारतीय नौसेना (Indian Navy) की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को लीक करने के आरोप में प्रमुख साजिशकर्ता मोहम्मद हारुन हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को गिरफ्तार किया है। मुंबई की अदालत ने एनआईए को उसकी ट्रांजिट रिमांड दे दी है। लकड़ावाला को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक विशेष एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुंबई का रहने वाले लकड़ावाला को आपराधिक साजिश रचने और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम और आधिकारिक राज अधिनियम के तहत शुक्रवार को महानगर से गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने कहा कि लकड़ावाला सीमापार व्यापार के बहाने अपने आकाओं से मिलने कई बार कराची गया था। उन्होंने कहा कि इन यात्राओं के दौरान, वह दो पाकिस्तानी जासूसों अकबर उर्फ अली और रिजवान के संपर्क में आया था, जिन्होंने उसे नियमित अंतराल पर नौसेना कर्मियों के बैंक खातों में पैसा जमा करने को कहा।
हवाला ऑपरेटर के जरिए होता था भुगतान
विशाखापट्टनम जासूसी का मामला एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट से संबंधित है, जिसमें पाकिस्तान में स्थित और भारत के विभिन्न स्थानों से जुड़े लोग शामिल हैं। पिछले साल 30 दिसंबर को, एनआईए ने जासूसी के इस मामले को अपने हाथ में लिया था। इसके 10 दिनों बाद एजेंसी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में भारतीय नौसेना के 7 कर्मियों और एक कथित हवाला ऑपरेटर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा था कि गिरफ्तार सभी अधिकारी पाकिस्तानी महिलाओं के संपर्क में थे, जिन्होंने फेसबुक पर उनसे दोस्ती की थी। आरोप है कि अधिकारियों को सूचना उपलब्ध कराने के एवज में हवाला ऑपरेटर के माध्यम से भुगतान किया गया था।
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पाकिस्तान के इशारे पर चल रही थीं महिलाएं
पाकिस्तानियों की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे इन नाविकों के बीच की चैट साफतौर पर सेक्सुअल थी। एनआईए अधिकारियों के अनुसार, जिन महिलाओं ने फेसबुक पर अपने दोस्तों के रूप में नौसेना के कर्मियों को अपने जाल में फंसाया है, उन्हें पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों ने स्थापित किया था। बाद में नाविकों को ब्लैकमेल किया गया और उन्हें संवेदनशील जानकारी देने के लिए मजबूर किया गया।
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इस तरह की जानकारी हो रही थी लीक
अधिकारी ने कहा कि एक जांच में पता चला है कि नौसेना के कुछ कर्मी फेसबुक, वॉट्सऐफ आदि जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों के माध्यम से पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में आए और मौद्रिक लाभ के बदले गोपनीय जानकारी साझा करने में शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘पैसा इन नौसेना कर्मियों के बैंक खातों में भारतीय सहयोगियों के माध्यम से जमा किया गया था, जिनके पाकिस्तान में व्यापारिक हित हैं।’ एनआईए ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 11 नौसेना कर्मी और एक पाकिस्तान में जन्मा भारतीय नागरिक शाइस्ता कैसर शामिल हैं।
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