पीएम नरेंद्र मोदी कोरोना लॉकडाउन: 2 बार 1 दिन पहले तो इस बार 5 दिन पहले देश को क्यों संबोधित कर रहे हैं ?


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक घंटे बाद रात 8 बजे देश के लोगों को कोरोना लॉकडाउन और कोरोना वायरस से चल रही लड़ाई पर संबोधित करेंगे। लॉकडाउन बढ़ेगा या लॉकडाउन के साथ-साथ छूट भी बढ़ेगी जैसे सवालों का जवाब सिर्फ पीएम के भाषण से मिलेगा लेकिन गौर करने वाली एक बात ये हुई है कि इस बार मोदी लॉकडाउन की मियाद खत्म होने के पांच दिन पहले देश से बात करेंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने दो बार लॉकडाउन को लेकर देश को संबोधित किया है और दोनों बार उन्होंने लॉकडाउन का ऐलान या उसे बढ़ाने की घोषणा एक दिन पहले की। देश में कोरोना मरीजों की संख्या 70 हजार से ऊपर जा चुकी है जिसमें 2200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि 22 हजार से ज्यादा ठीक हो गए। 

देश में चल रहा तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई तक है और उससे ठीक पांच दिन पहले 12 मई को पीएम नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करने जा रहे हैं जिसमें आगे लॉकडाउन में किस तरह की छूट मिलेगी, कौन से दफ्तर खुलेंगे, कैसे खुलेंगे, बस ट्रेन या फ्लाइट जैसी परिवहन सेवाओं की क्या स्थिति रहेगी, इन सब चीजों से पर्दा उठा सकते हैं। माना ये जा रहा है कि पीएम मोदी इस बार पांच दिन पहले लॉकडाउन के भविष्य पर बात करने जा रहे हैं ताकि राज्य सरकार, प्रशासन और कंपनियों को चौथे चरण के लॉकडाउन में मिल रही छूट और रियायतों के हिसाब से इंतजाम करने का वक्त मिल सके। अगर सरसरी तौर पर लॉकडाउन सीधे बढ़ रहा होता तो पीएम ये काम 15 या 16 मई को भी कर सकते थे. पांच दिन का एक्स्ट्रा टाइम लेकर पीएम मोदी आ रहे हैं ताकि सुस्त आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए लोग तैयारी कर सकें। 

 

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पीएम मोदी ने 11 मई को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग की थी जिसमें काफी सीएम लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने की वकालत कर रहे थे। कुछ सीएम ने तो ट्रेन चलाने का विरोध तक किया और कहा कि इससे तीन चरण में कोरोना को कंट्रोल करने में जो कामयाबी मिली है उसको नुकसान हो सकता है। ज्यादातर राज्यों के सीएम लॉकडाउन की वजह से राज्य के खाली खजाने का रोना रो रहे थे और सबकी ये मांग रही कि सरकार आर्थिक गतिविधियां बहाल करने की इजाजत दे जिससे अर्थव्यवस्था में गति आए और सरकारी कोष में टैक्स।

उद्योग जगत और अर्थशास्त्री लगातार कोरोना लॉकडाउन और बाजार में संतुलन बिठाने की सिफारिश कर रहे हैं ताकि मार्केट में काम हो, लोगों को रोजगार मिले, सामान बिके, कैश फ्लो बने और रुपए की तंगी से जूझ रही कंपनियां धीरे-धीरे पटरी पर लौट सकें। पीएम के सामने देश को कोरोना से बचाते हुए अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की चुनौती है जिसका रास्ता पीएम के संबोधन से मिल सकता है। अनुमान है कि उद्योग, कारखाना, दफ्तर, बाजार, परिवहन सेवाओं को लेकर कुछ छूट और रियायतों का ऐलान पीएम कर सकते हैं लेकिन सारी छूट के साथ कोरोना के जरूरी एहतियात लागू रहेंगे। चाहे वो फैक्ट्री हो या ऑफिस, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल जारी रखा जाएगा।

पीएम मोदी ने 19 मार्च को लोगों से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील की थी जिसे काफी लोगों ने लॉकडाउन का रिहर्सल माना। 24 मार्च की रात 8 बजे पीएम मोदी ने 21 दिन लंबे ऑल इंडिया कोरोना लॉकडाउन का ऐलान किया जो अगले दिन 25 मार्च से 14 अप्रैल तक चला। बीच में पीएम ने 3 अप्रैल को एक वीडियो संदेश जारी करके देश से 5 अप्रैल को कोरोना योद्धाओं के सम्मान में दीया जलाने की अपील की। 

पीएम मोदी दूसरी बार लॉकडाउन पर बोले 14 अप्रैल की सुबह 10 बजे जिस दिन तीन सप्ताह पहले शुरू हुआ लॉकडाउन का पहला चरण पूरा हो रहा था। पीएम मोदी ने दो सप्ताह के लिए कोरोना लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया जो 15 अप्रैल से 3 मई तक चला। पीएम मोदी ने इस बार भी एक दिन पहले लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया। इसके बाद 1 मई को गृह मंत्रालय ने आदेश जारी करके लॉकडाउन को दो सप्ताह और बढ़ाकर 17 मई तक लागू कर दिया। इस दौरान कुछ चीजों को छूट और रियायत भी मिली।





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