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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 125 साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लिए मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि देश के आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच विषयों पर ध्यान देना जरूरी है, इनमें Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure और Innovation शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के बीच हमें देश के लोगों के जीवन को तो बचाना ही है साथ ही साथ अर्थव्यवस्था को स्थिर भी करना है। भारत अपनी ग्रोथ को जल्द वापस पा लेगा। उन्होंने कहा, ‘वी विल गेट अवर ग्रोथ बैक’। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के बीच 74 करोड़ लोगों के घर राशन पहुंचाया गया है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को आठ करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडरों को उनके घरों तक फ्री में पहुंचाया है। प्राइवेट सेक्टर के 50 लाख कर्मचारियों को 24 फीसद पीएफ सरकार ने दिया है।
भारत को फिर से तेज़ विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें बहुत ज़रूरी हैं।
Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure और Innovation.
हाल में जो Bold फैसले लिए गए हैं, उसमें भी आपको इन सभी की झलक मिल जाएगी: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) June 2, 2020
आत्मनिर्भर भारत का मतलब रोजगार पैदा करना
कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि मुझे देश की क्षमता, टैलेंट और टेक्नोलॉजी पर भरोसा है, यही वजह है कि हमें विश्वास है कि हम एक बार फिर अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार देंगे। कोरोना ने हमारी स्पीड भले ही धीमी की हो, लेकिन भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक फेज में घुस चुका है। वहीं पीएम ने कारोबारियों को भरोसा दिया कि वह उनके साथ खड़े हैं और आप दो कदम आगे बढ़ाएंगे तो सरकार चार कदम आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब रोजगार पैदा करना और विश्वास पैदा करना है ताकि भारत की हिस्सेदारी ग्लोबल सप्लाई चेन में मजबूत हो सके।
अपनी शर्तों पर किसी भी राज्य में फसल बेचेगा किसान
पीएम मोदी ने कहा कि किसान अब अपनी शर्तों पर किसी भी राज्य में फसल को बेच सकता है। अब ई-ट्रेडिंग के जरिए से फसल को बेचा जा सकता है। इससे कई नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। इसी तरह हमारे श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए लेबर रिफॉर्म भी किए जा रहे हैं। पीएम ने कहा कि कोल सेक्टरों को कई तरह के बंधन से मुक्त किया गया है, माइनिंग के नियमों को बदला गया है, जिससे लोगों को मदद मिलेगी।
मेड इन इंडिया, मेड फार वर्ल्ड
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में Investment और किसानों के साथ Partnership का रास्ता खुलने का भी पूरा लाभ उठाएं। अब तो गांव के पास ही लोकल एग्रो प्रोडक्ट्स के क्लस्टर्स के लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इसमें CII के तमाम मेंबर्स के लिए बहुत Opportunities हैं। पीएम ने कहा, ‘मैं बहुत गर्व से कहूंगा कि सिर्फ 3 महीने के भीतर ही पीपीई किट की सैकड़ों करोड़ की इंडस्ट्री आपने ही खड़ी की है।’ उन्होंने कहा कि अब जरूरत है कि देश में ऐसे उत्पाद बनें जो मेड इन इंडिया हों, मेड फॉर वर्ल्ड हों। कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं? हमें तमाम सेक्टर्स में उत्पादकता बढ़ाने के लिए अपने टार्गेट तय करने ही होंगे।
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