कोरोना वायरस (Corona Cases) की वजह से देश लॉकडाउन (Lockdown) है। इसके चलते कई राज्यों के लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। इनको वापस राज्यों तक पहुंचाने के लिए 300 ट्रेनें रोज चलाई जा सकती हैं।
Edited By Himanshu Tiwari | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
- केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, मजदूरों को ले जाने के लिए रोज चल सकती हैं 300 ट्रेनें
- पीयूष गोयल ने दी जानकारी, बोले- कई राज्य तो अपने लोगों को वापस लाना ही नहीं चाहते हैं
- रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यह भी बताया, पश्चिम बंगाल ने 13 मई तक सिर्फ 7 गाड़ियां ही ली हैं
- पीयूष गोयल ने कहा, हमने 1200 गाड़ियां मजदूरों के लिए सुरक्षित रखी हैं, राज्य नहीं हैं तैयार
नई दिल्ली
भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) से संक्रमित लोगों की संख्या तकरीबन 75 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है। उधर, देश के अलग-अलग हिस्सों से अभी भी ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, जिसमें प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घरों की दूरी तय करने को मजबूर है। इसको लेकर केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने एक अहम जानकारी दी है। पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रोज तकरीबन 300 गाड़ियां चला सकती है लेकिन कई राज्य ये सुविधा ले ही नहीं रहे हैं। वे अपने यहां के लोगों को बुलाना ही नहीं चाहते हैं। ऐसे में क्या किया जा सकता है।
पीयूष गोयल ने कहा, ‘मैं अपने सभी मजदूर भाई-बहनों को बताना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मुझे स्पष्ट निर्णय देकर यह सुविधा सुनिश्चित की है कि 300 गाड़ियां रोज चल सकती हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से चलकर आपको ये गाड़ियां घर पहुंचा सकती हैं। ऐसी 1200 गाड़ियां हमने सुरक्षित रखी हैं लेकिन मैं ये ट्रेनें पहुंचा नहीं पा रहा हूं। कई राज्य ट्रेनों को आने नहीं दे रहे हैं।’
पढ़ें: स्पेशल ट्रेनों में अब वेटिंग भी, क्या है प्लान?
“लॉकडाउन का मुख्य उद्देश्य कोरोना वायरस की चेन को तोड़ना था। नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच दूरदर्शी नेतृत्व दिखाया है। हमने देश को कोरोना से जंग के लिए तैयार करने के लिए ये 50 दिन लिए हैं।”-पीयूष गोयल, केंद्रीय रेल मंत्री
अपने लोगों को वापस नहीं ला रहा पश्चिम बंगााल!
केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा, ‘यूपी में 300 से ज्यादा गाड़ियां चली गईं। बिहार में 170 गाड़ियां गईं। गृहमंत्री के पत्र लिखने के बावजूद पश्चिम बंगाल में शुरू में 9 मई तक सिर्फ 2 गाड़ियां ली गई थीं। एक तो अजमेर शरीफ राजस्थान से और एक एर्नाकुलम से। गृहमंत्री की चिट्ठी के बाद हमें पता चला कि 8 गाड़ियों की परमिशन 8 तारीख को दी गई है। 9 तारीख की दोपहर तक इस परमिशन का कुछ पता ही नहीं था। आपको बता दूं कि पश्चिम बंगाल में 8 गाड़ियां भी नहीं ली गईं। 13 तारीख की दोपहर 3 बजे तक सिर्फ 7 गाड़ियां देश के अलग-अलग हिस्सों से पश्चिम बंगाल के लिए निकल पाई हैं। गाड़ियां खाली पड़ी हैं लेकिन हम भेज नहीं पा रहे हैं।’
क्लिक करें: ट्रेन के बाद दिल्ली मेट्रो ने शुरू की अपनी तैयारी
रोज चल सकती हैं 300 ट्रेनें
‘वापस आना चाहते हैं लोग तो आने दीजिए’
पीयूष गोयल ने कहा, ‘मैं सभी राज्यों से अनुरोध करूंगा कि उनके जो लोग वापस आना चाह रहे हैं, उन्हें आने दीजिए। अर्थव्यवस्था फिर तेजी से आगे बढ़ेगी, सबको काम फिर मिल जाएगा लेकिन इसके लिए सभी राज्यों को मिलजुलकर काम करना चाहिए। अपने लोगों को सुरक्षित घर जाने दीजिए। लोगों की स्टेशन पर जांच कीजिए। कोई दिक्कत हो तो उन्हें अस्पताल लेकर जाइए।’