पूर्व वित्त मंत्री और गृहमंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई और ईडी की टीम ने बुधवार की रात को उनके दिल्ली स्थित आवास से रात के लगभग 10 बजे गिरफ्तार किया। उस समय कांग्रेस के दो बड़े नेता और वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंहवी मौजूद थे। मुख्य द्वार बंद होने से सीबीआई के अधिकारी दीवार फांद कर आवास में घुसे। इस मौके पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पुलिस और सीबीआई की इस कार्रवाई का विरोध किया। यहां तक कि मोदी और शाह के खिलाफ काफी नारेबाजी की गयी। पुलिस ने हल्का बल इस्तेमाल कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को वहां भगा दिया। कांग्रेस का कहना हे कि यह सब राजनीतिक दुर्भावना से किया जा रहा है। इससे पहले सीबीआई ने चिदंबरम के बेटे व कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। उन्हें भी 23 दिनों के लिये जेल में रहना पड़ा था। बाद में उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिल गयी थी।
जब से मोदी सरकार पार्ट 2 पावर में आई है तभी से विरोधी नेताओं के खिलाफ ईडी और सीबीआई लगा दी गयी है। लोकसभा चुनाव के पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ ईडी और सीबीआई को लगा दिया गया था। सपा नेता व सांसद आजम खां के खिलाफ यूपी सरकार और सीबीआई ने शिकंजा कस रखा है। आज के माहौल में मोदी सरकार साफ संदेश दे रही है कि या तो भगवा धारण करो या जेल जाने के लिये तैयार रहो। बहुत से विपक्षी नेता इसी डर से भाजपा का दामन थाम रहे है कि कहीं केन्द्र सरकार का समर्थन न करने पर ईडी और सीबीआई न पीछे पड़ जाये। इसी कड़ी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को ईडी ने पेश होने का समन भेज दिया। राज ठाकरे मोदी और भाजपा दोनों के ही मुखर आलोचक रहे हैं। पिछले आम चुनाव में उन्होंने यूपीए के प्रत्याशियों के पक्ष में रैलियां और प्रचार किया था। कुछ समय बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसी मद्दे नजर राज ठाकरे पर लगाम कसने के लिये उनके पीछे ईडी लगायी गयी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित भ्रष्टाचार के उसी मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को 23 दिन जेल में रहना पड़ा था और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दी थी। इस घोटाले ने अन्य हाई प्रोफाइल आरोपियों की ओर ध्यान आकृष्ट किया है, जिसमें जेल में बंद मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी शामिल हैं। दोनों शीना बोरा हत्याकांड में जेल में बंद हैं।
कार्ति की गिरफ्तारी इंद्राणी द्वारा ईडी को दिये गए बयान के आधार पर हुई थी। उसने कहा था कि एफआईपीबी मंजूरी में हुए उल्लंघन को कथित तौर पर रफा-दफा करने के लिये 10 लाख डॉलर की कार्ति की मांग को दंपति ने स्वीकार कर लिया था। इंद्राणी आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की पूर्व निदेशक है।
इंद्राणी 11 जुलाई को सीबीआई मामले में इकबालिया गवाह बन गई थी। पीटर मुखर्जी और इंद्राणी का नाम आईएनएक्स मीडिया द्वारा प्राप्त धन के लिये 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की अवैध तरीके से मंजूरी हासिल करने से संबंधित मामले में सामने आया था।
तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद कार्ति फिलहाल जमानत पर हैं. उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 मार्च 2018 को जमानत दी थी। सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हासिल करने के लिये अवैध तरीके से एफआईपीबी मंजूरी दिये जाने का आरोप लगाया गया था। उस वक्त चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।