
नयी दिल्ली। मोदी सरकार पार्ट 1 में वित्त मंत्री का पद संभालने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का दिल्ली के ऐम्स में शनिवार को दोपहर 12 बज कर 7 मिनट पर निधन हो गया। वो काफी समय से डायबिटिक और दिल की बीमारी से जूझ रहे थे। 9 अगस्त को उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से ऐम्स में भरती कराया गया था। इस बीच पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृहमंत्री समेत अनेक राजनीतिक दलों के नेता जेटली को देखने ऐम्स जा चुके थे। हाल ही में बीजेपी के तीन बड़े नेताओं का निधन हुआ है। अगस्त में ही बीजेपी की नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हुआ था। एक दो दिन पहले ही मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम बाबू लाल गौर का भी निधन हुआ था। इन दिग्गज नेताओं के निधन से बीजेपी को भारी झटका लगा है।
अरुण जेटली बीजेपी के ही नहीं बल्कि सभी राजनीतिक दलों के लिये सर्वग्राही नेता रहे। जब वो सदन में अपनी बात रखते थे तो सभी सदस्य काफी गौर से सुनते थे। विपक्ष में भी उनकी धाक थी। अरुण जेटली के निधन से देश विदेश से शोक संदेश आ रहे हैं। 2018 में वो राज्यसभा के सदस्य बने थे।
जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को दिल्ली में हुआ था। उनके बारे में एक बात बहुत ज्यादा चर्चित थी कि वो काफी नजाकत और नफासत वाले नेता थे। अपने राजनीतिक जीवन में वो कभी भी चुनाव जीत कर संसद नहीं पहुंचे थे। 2014 में उन्हें चंडीग्रहण से आम चुनाव लड़ने के लिये। लेकिन वहां वो काग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार गये थे। वहां से पहले क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू बीजेपी के टिकट पर सांसद थे। इस बात को लेकर सिद्धू का बीजेपी से मतभेद भी हो गया था। इसी वजह से सिद्धू और पार्टी के बीच खाइंया बढ़ती चली गयीं। और पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले सिद्धू बीजेपी से नाता तोड़ कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी।