फेसबुक का ‘एक रुपया बाजार’, कितना सच्चा और कितना झूठा?


Edited By Sujata Kushwaha | इकनॉमिक टाइम्स | Updated:

हाइलाइट्स

  • फेसबुक के मार्केटप्‍लेस में इतने कम दाम पर सैनिटाइजर और पीपीई देख हैरानी लाजिमी है
  • मुमक‍िन है कि मार्केटप्‍लेस पर ग्राहकों को लुभाने के लिए फर्जी ऐड्स का इस्‍तेमाल किया जा रहा हो
  • ऐसा करने से सेलर्स अपनी लिस्टिंग को टॉप पर पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं
  • जब सस्ती लिस्टिंग में दिलचस्पी बढ़ने लगती है तो इसके दाम बढ़ा दिए जाते हैं

वरुणी खोसला/वेंकट अनंत, नई दिल्ली/बेंगलुरु

कोरोनाकाल में फेसबुक का ‘एक रुपया’ बाजार। नजर पड़ी आपकी? इस बाजार में एक रुपये में एक लीटर हैंड सैनिटाइजर, मुफ्त पर्सनल प्रोटेक्‍शन इक्विपमेंट (PPE) किट, एक रुपये में सैकड़ों पॉकेट हैंड सैनिटाइजर मिल रहा है? फेसबुक के मार्केटप्‍लेस में इतने कम दाम पर ये सामान देखकर आपको कुछ गड़बड़झाले का अंदेशा नहीं हुआ? मुमक‍िन है कि हजारों सेलर्स सोशल मीडिया कंपनी के मार्केटप्‍लेस पर ग्राहकों को लुभाने के लिए फर्जी ऐड्स का इस्‍तेमाल कर रहे हों ताकि अपनी लिस्टिंग को वे टॉप पर पहुंचा सकें।

रेगुलेटेड नहीं है FB का मार्केटप्‍लेस

ई-कॉमर्स कंपनियों के की तरह फेसबुक का मार्केटप्‍लेस रेगुलेटेड नहीं है। इसके लिए कोई गाइडलाइन्स नहीं हैं। ईटी ने सच्चाई का पता लगाने के लिए ऐसे 10 सेलर्स से बात की। उनसे बातचीत में सामने आया कि ज्‍यादातर के प्रॉडक्ट्स के दाम तय नहीं हैं। वे एक रुपये और यहां तक मुफ्त किसी भी चीज को लिस्‍ट करने के लिए आजाद हैं।

1 रुपये का सैनिटाइजर हो जाता है 7800 रुपये का!

जब पूछताछ सीरियस हो जाती है तो नई कीमत लगा दी जाती है। इसे उदाहरण से समझिए। कई एक सेलर ऐसा था, जो पहले ऑटोमैटिक सैनिटाइजर डिस्‍पेंसर एक रुपये में बेच रहा था। उसने देखा कि इसे लेने में खूब दिलचस्पी दिखाई जा रही है तो उसने दाम बढ़ाकर 7,800 रुपये (टैक्‍स और डिलिवरी जोड़ते हुए) कर दिए। ऐसा ही पॉकेट सैनिटाइजर सेलर ने किया। ज्यादा पूछताछ हुई तो दाम तुरंत बढ़ाकर 600 रुपये कर दिए।

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अब PPE का मामला समझें


एक रुपये में लिस्‍ट किया गया सर्जिकल गाउन लोगों के इंटरेस्ट आने के बाद 125 रुपये प्‍लस टैक्‍स का हो गया और नॉन-लैमिनेटेड फेसशील्‍ड का दाम 200 रुपये कर दिया गया। एक सेलर ने मजाक में यह भी कहा कि अगर ऐसी कीमतों पर कुछ मिले तो उसे खरीदकर उन्‍हें दोबारा बेच देना चाहिए।

गलत कीमत बताना गलत

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन कानून में जनता को प्रॉडक्ट्स की गलत कीमत बताना गलत है। ईटी ने जब फेसबुक प्रवक्ता से संपर्क किया तो पता चला कि ऐसे लाखों ऐड्स को हटा लिया गया है, जिनमें हैरान करने वाली कीमतें दी गई थीं।



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