बगदादी का ‘बारूद’ कैसे पहुंचा बलरामपुर? अबू यूसुफ 2 साल से जुटा रहा था विस्फोटक


हाइलाइट्स:

  • बलरामपुर में अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम के घर से 2 किलो आईईडी हुई थी बरामद
  • सूत्रों के मुताबिक बड़े आतंकी हमले की फिराक में था आईएसआईएस संदिग्ध
  • अप्रैल में गांव के कब्रिस्तान के पास मुस्तकीम ने एक छोटा सा धमाका किया था
  • टेलीग्राम के जरिए आईएसआईएस से साधा संपर्क, पाक आतंकी से मिली ट्रेनिंग

बलरामपुर
दिल्ली के धौला कुआं में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम के बारे में सुरक्षा एजेंसियां छानबीन कर रही हैं। उससे पूछताछ में पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आखिर उसे विस्फोटक किसने मुहैया कराया। आतंक का बारूद कैसे बलरामपुर तक पहुंचा? उतरौला के बढ़या भैंसाही गांव स्थित घर से सूइसाइडल जैकेट और आईईडी बरामद हुई थी।

यूसुफ के घर से विस्फोटक बांधने वाली बेल्ट भी मिली है। संदिग्ध आतंकी की पत्नी का कहना है कि पिछले 2 साल से मुस्तकीम इस तरह की प्लानिंग करते थे। वह यूट्यूब पर तमाम धर्मगुरुओं और अन्य लोगों के साथ जुड़े हुए थे। मुस्तकीम के पड़ोसियों का कहना है कि अप्रैल में घर के पास ब्लास्ट हुआ था। माना जा रहा है कि इसके जरिए वह विस्फोटकों का ट्रायल कर रहा था। उसके पड़ोसियों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद अप्रैल में गांव के कब्रिस्तान के पास एक छोटा सा धमाका हुआ था। शाम का वक्त था इसलिए ब्लास्ट में तेज रोशनी के साथ जोरदार आवाज हुई थी। जिसके बाद ग्रामीणों को लगा कि यह अल्लाह का कहर है।

अबू यूसुफ बड़े हमले की तैयारी में था

5 साल सऊदी अरब में बिताए
यूसुफ के अतीत के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक 2005 में वह टूरिस्ट वीजा पर दुबई गया था। वहां से लौटने के बाद थोड़े वक्त के लिए वह हैदराबाद में था। यहां वह पीओपी का काम करता था। वर्ष 2006 से 2011 के दौरान यूसुफ सऊदी अरब रहा। माना जा रहा है कि इस दौरान उसका कट्टरपंथ की ओर झुकाव बढ़ा। 2011 में उसकी शादी हो गई।

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सऊदी अरब से लौटने के बाद हुआ बदलाव
उसके परिजनों के पड़ोसियों से कोई संबंध भी नहीं थे। पड़ोसियों के मुताबिक यूसुफ में बदलाव सऊदी अरब से वापस लौटने के बाद हुआ था। गांव की महिलाओं ने बताया कि यूसुफ का परिवार से कोई संबंध नहीं था। गांव का कोई भी आदमी उसके घर पर न ही जाता था और न ही कोई उसे अपने घर पर बुलाता था। यहां तक कि शादी-विवाह जैसे समारोह में भी कोई मुस्तकीम के परिवार को नहीं बुलाता था।

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टेलीग्राम के जरिए ISIS से जुड़ा
वर्ष 2015 में वह कुछ दिनों के लिए गल्फ कंट्री कतर गया था। यहां से लौटकर वह उत्तराखंड गया। इसी बीच एक सड़क हादसे में उसे रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई। कुछ वक्त के बाद उसने उतरौला में एक मेडिकल स्टोर खोला। लेकिन दुकान की बजाए उसका ज्यादा समय सोशल मीडिया और यूट्यूब पर बीतता था। सूत्रों के मुताबिक 9वीं तक पढ़े यूसुफ ने टेलीग्राम के जरिए आईएसआईएस से संपर्क स्थापित किया था। सूत्रों के मुताबिक यूसुफ ने लोन वुल्फ हमले की योजना बनाई थी।

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पाक आतंकी हुजैफा ने दी ऑनलाइन ट्रेनिंग
हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इंटरनेट के जरिए यूसुफ पाकिस्तानी आतंकी अबू हुजैफा अल बाकिस्तानी के संपर्क में आया। हुजैफा ने उसे विस्फोटक के साथ टाइमर लगाने और मानव बम बनाने की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी। एटीएस के एक अधिकारी ने कहा, ‘ISIS अपने आतंकियों को सूइसाइड बेल्ट पहनकर आत्मघाती हमले के लिए उकसाता है। यूसुफ को ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगह जैसे दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क जैसे सार्वजनिक स्थलों पर निशाना साधने के लिए कहा गया था। यूसुफ के जैसे आतंकी ग्रुप में हमला नहीं करते हैं।’

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मुस्तकीम को लेकर दिल्ली पहुंची एटीएस टीम
फिलहाल मुस्तकीम की निशानदेही पर स्पेशल टीम ने कई जगह से साक्ष्य जुटाए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और एटीएस की टीम उसे लेकर फिर दिल्ली पहुंच चुकी है। मुस्तकीम के घर से टीम ने बारूद, जैकेट और आईएसआईएस का झंडा बरामद किया है। वहीं स्थानीय पुलिस के आलाधिकारी अब भी इस मामले पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।



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