देश में लागू लॉकडाउन के चार चरणों के बाद यह देखने को मिला है कि पिछले कुछ माह के दौरान बैंकों की जमा में अचानक आ गया। इस उछाल की वजह केंद्र और राज्यों का कर्ज बढ़ना है, यह बचत में बढ़ोतरी की वजह से नहीं है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। 

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए जमाकर्ता उन बैंकों का चयन कर रहे हैं, जहां उनका पैसा सुरक्षित रह सकता है। जनवरी-मई, 2020 के दौरान बैंकिंग प्रणाली में जमा राशि 7.05 लाख करोड़ रुपये बढ़ी। पिछले साल की समान अवधि में जमा 4.65 लाख करोड़ रुपये बढ़ी थी। हालांकि, इस अवधि में बैंकों का ऋण सिर्फ 2.2 लाख करोड़ रुपये बढ़ा, जबकि जनवरी-मई, 2019 के दौरान यह 2.84 लाख करोड़ रुपये बढ़ा था।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों की जमा में अचानक हुई बढ़ोतरी की वजह केंद्र और राज्य सरकारों के कुल कर्ज में हुई वृद्धि है। इसके पीछे वजह बचत में बढ़ोतरी नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि सभी बैंकों ने जमा पर ब्याज घटाया है लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में यह कटौती अधिक है। इससे शीर्ष बैंकों और अन्य के बीच अंतर काफी बढ़ गया है। 





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