विदेश मंत्री एस जयशंकर के भगवान बुद्ध से जुड़े बयान पर रविवार (9 अगस्त) को विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में हुआ था और वह स्थान नेपाल में है। दरअसल विदेश मंत्री ने शनिवार (8 अगस्त) को सीआईआई शिखर सम्मेलन में ऑनलाइन वार्ता के दौरान भगवान बुद्ध को भारतीय कहा था और नेपाल ने इस पर आपत्ति जताई थी।
इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने भगवान राम को नेपाली बताकर विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था, “असली अयोध्या नेपाल में है, न कि भारत में। भगवान राम नेपाली हैं न कि भारतीय।” हालांकि, खुद उनकी पार्टी के नेताओं और नेपाल के लोगों ने ओली के बयान की निंदा की थी। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बामदेव गौतम ने बिना किसी सबूत इस तरह के दावे को लेकर पीएम की ओलोचना की थी।
External Affairs Minister’s remarks yesterday at the CII event referred to our shared Buddhist heritage. There is no doubt that Gautam Buddha was born in Lumbini, which is in Nepal: Ministry of External Affairs (MEA). pic.twitter.com/Yrn0bM5Hqe
— ANI (@ANI) August 9, 2020
इतना ही नहीं, केपी शर्मा ओली ने नेपाल में राम की मूर्ति बनवाने और इसे भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में प्रचारित करने का आदेश भी दिया है। चितवन के स्थानीय अधिकारियों से फोन पर बात करते हुए ओली ने कहा कि सभी सबूत यह साबित करते हैं कि भगवान राम का जन्म नेपाल की अयोध्यापुरी में हुआ था, भारत में नहीं। उन्होंने सबूत जुटाने के लिए खुदाई कराने का भी आदेश दिया है।