भारत और चीन बातचीत से ही निकालेंगे लद्दाख विवाद का हल!


India-China face off, Ladakh stand off : पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाकों में भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध थोड़ा शांत पड़ता दिख रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि विवाद का हल बातचीत से ही निकलेगा।

Edited By Abhishek Shukla | भाषा | Updated:

चीन और भारत
हाइलाइट्स

  • विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए सीमा पर शांति जरूरी है
  • भारत-चीन सीमा से लगे क्षेत्रों में उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये दोनों पक्षों के बीच बैठक भी हुई है
  • भारत और चीनी सेना 5 मई से आमने सामने हैं
  • समाधान के लिए 6 जून को दोनों पक्षों की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हुई थी

नई दिल्ली

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर लंबे समय से तनातनी की स्थिति बनी हुई है। हालांकि कुछ स्थानों पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं लेकिन अब भी वहां स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। भारत ने आज कहा कि दोनों पक्ष सीमा पर जल्दी से जल्दी शांति बहाल करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर लगातार बात कर रहे हैं।

दरअसल विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने भी बात कही है। बता दें कि साल 2018 में चीन के वुहान शहर में पहली ऐतिहासिक अनौपचारिक शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत-चीन सीमा के क्षेत्र के सभी इलाकों में द्विपक्षीय रिश्तों के विकास के लिए शांति की अहमियत को रेखांकित किया था।

मिलिट्री और डिप्‍लोमेटिक लेवल पर रहेगी बातचीत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जैसा कि आपको पता है कि छह जून 2020 को भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच चूसूल-मोल्डो क्षेत्र में बैठक हुई थी । यह बैठक भारत-चीन सीमा से लगे क्षेत्रों में उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये दोनों पक्षों के बीच जारी मिलिट्री और डिप्‍लोमेटिक लेवल की बातचीत जारी रखने के तहत हुई । उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि स्थिति का जल्द समाधान दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन को ध्यान में रखकर हो।

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समझ में आ रही चीन की रणनीति

प्रवक्ता ने कहा कि इसलिये दोनों पक्षों ने स्थिति के जल्द शांतिपूर्ण समाधान के लिये सैन्य और राजनयिक बातचीत करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने की बात कही । उन्होंने कहा, ‘यह भारत चीन द्विपक्षीय संबंधों के और विकास के लिये आवश्यक है। सैन्य सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों में बातचीत चलने के बावजूद, भारत ने लद्दाख, उत्तर सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे लगभग सभी संवेदनशील इलाकों में और सैनिकों की तैनाती की है जो चीन के समान सैन्य ताकत को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।

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कई दौर की बातचीत के बाद शांति पर सहमति

दोनों पक्षों का पैंगोंग और पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में आमने सामने का टकराव जारी है। सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को दावा किया था कि दोनों देशों की सेनाओं ने गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में गश्ती प्वांइट 14 और 15 पर पीछे हटना शुरू किया है और चीनी पक्ष दो क्षेत्रों में 1.5 किलोमीटर पीछे हटे हैं । भारत और चीनी सेना 5 मई से आमने सामने है। बुधवार को दोनों पक्षों ने क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए मेजर जनरल स्तर की वार्ता की है। सूत्रों ने बताया कि साढ़े चार घंटे लंबी चली बातचीत में भारतीय शिष्टमंडल ने पूर्ण यथास्थिति को बहाल करने और तत्काल प्रभाव से उन इलाकों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया, जिन्हें भारत एलएसी पर अपना मानता है।

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क्या है विवाद

उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के सेनाओं के बीच पिछले महीने की शुरुआत से गतिरोध चल रहा है। इसके समाधान के लिए 6 जून को दोनों पक्षों की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हुई थी। सीमा पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच यह पहली बड़ी कोशिश थी। इसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया था। इससे पहले भी स्थानीय कमांडरों के स्तर पर दोनों सेनाओं के बीच 12 राउंड बातचीत हो चुकी थी।

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Web Title india and china will resolve the ladakh dispute only by communication(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)

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