चीन के इशारे पर भारत से बिना वजह दुश्मनी मोल रहे नेपाल के सुर थोड़े नरम होते दिख रहे हैं। वहां के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा है कि बातचीत के जरिए ही विवादों का हल हो सकता है। ग्यावली ने नेपाल के सरकारी टीवी चैनल नेपाल टेलिविजन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को सिर्फ बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है।
17 अगस्त को होनी है भारत और नेपाल के बीच बातचीत
ग्यावली का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब कुछ दिन बाद 17 अगस्त को दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत होनी है। हालांकि, इस बातचीत का सीमा विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। नेपाल में भारत के फंड से बनाए जाने वाले प्रॉजेक्ट को लेकर काठमांडू में यह बातचीत होगी। नेपाल-भारत ओवरसाइट मकैनिज्म की आठवीं मीटिंग को तनाव के हालात सुलझाने की ओर पहला कदम माना जा रहा है।
सीमा विवाद पर तनाव के बाद अब बातचीत करेंगे नेपाल-भारत
मई से ही है दोनों देशों में तनाव
उत्तराखंड के लिपुलेख में मानसरोवर लिंक रोड बनाने को लेकर नेपाल ने मई में आपत्ति जताई थी और दावा किया था कि लिपुलेख उसका क्षेत्र है और भारत को वहां निर्माण का अधिकार नहीं है। उस वक्त भारत के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करने की जगह नेपाल सरकार ने देश का नया नक्शा जारी कर डाला था जिसमें भारतीय इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना दिखाया गया था।
भारत पर अपनी सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगा चुके हैं ओली
विवादित नक्शा जारी करने के अलावा हाल के दिनों में नेपाल ने भारत के खिलाफ कई बयानबाजियां भी की है। नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने तो भारत पर अपनी सरकार को गिराने की कोशिश करने तक का आरोप लगाया था। इसके अलावा वह भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को लेकर भी तथ्यहीन दावा कर चुके हैं। ओली ने पिछले दिनों बयान दिया था कि ‘असली अयोध्या’ भारत में नहीं बल्कि नेपाल में है। राम के अलावा बुद्ध पर भी नेपाल ने बेवजह विवाद खड़ा करने की कोशिश की। पिछले 4 महीनों से दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट दिख रही है। नेपाल ने बिहार में कुछ सीमावर्ती जगहों पर सड़क और बंधे के मरम्मत के काम में भी अड़ंगा लगाया था। बीते दिनों नेपाली प्रहरियों ने अलग-अलग घटनाओं में भारतीयों पर गोलियां भी चलाई थीं।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली