भारत से सीमा विवाद के बीच सैनिकों के खाने की आदत में बदलाव क्यों कर रहा चीन? जानें इसके पीछे की वजह


चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) खाने की बर्बादी को कम करने के लिए सैनिकों व अधिकारियों के खाने की आदतों में कुछ बदलाव करने जा रही है। इसमें एआई-संचालित रोबोट रसोइयों का इस्तेमाल होगा और लक्जरी कुकिंग को खत्म किया जाएगा। वहीं, डीप फ्राइड डिश और ऑयली खाने का इस्तेमाल कम से कम होगा। 

ये उपाय और ‘उच्च-ऊर्जा बचत स्टोव’ और अधिक उबले हुए व्यंजनों सहित उन्नत खाना पकाने की तकनीक की शुरुआत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ‘क्लीन प्लेट अभियान’ का हिस्सा है, जोकि चीन में खाने की बर्बादी को कम करने को लेकर है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग का यह अभियान देश में कोविड-19 और बाढ़ की वजह से अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के बाद शुरू किया गया है। वहीं, भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले कई महीनों से तनातनी भी जारी है। चीन की आधिकारिक मीडिया ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, जिनपिंग ने खाने की बर्बादी को ‘चौंकाने वाला और परेशान करने वाला’ बताया है। 

राष्ट्रपति जिनिपिंग के अभियान का पालन करने वालों में सबसे पहले चीनी सेना सामने आई है। चीन की सत्तारूढ़ पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के अलावा, शी जिनपिंग सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) का भी नेतृत्व करते हैं। पीएलए डेली में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलए का प्रयास ‘बर्बादी करने पर शेम जैसा माहौल और बचत करने पर गर्व’ होगा। रिपोर्ट में कहा गया कि पीएलए का फोकस शानदार खाने की कुकिंग, पकी हुई सब्जियों की संख्या में वृद्धि, तली हुई सब्जियों की विविधता में कमी और खाद्य तेल की खपत को कम करने पर होगा।

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वहीं, चाइना डेली की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1978 से 2000 तक, पीएलए ने प्रशिक्षण और लड़ाई की जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए कर्मियों के आहार में मांस और सब्जियों के प्रतिशत को बढ़ाकर पोषण मानकों में सुधार किया। रिपोर्ट में आगे कहा गया, ‘साल 2000 के बाद से, सीएमसी संतुलित पोषण पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। पिछले एक दशक में, पीएलए ने अपने स्वास्थ्य की पूरी तरह से रक्षा करने के लिए विभिन्न पदों पर तैनात अधिकारियों और सैनिकों के लिए अलग-अलग मैन्यू तैयार किए हैं, और संतुलित पोषण सुनिश्चित करने के लिए हर व्यंजन के लिए सामग्री का चयन किया जाता है।’





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