हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने बहुमत खो दिया है और कांग्रेस विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लगाएगी। हुड्डा ने कहा कि सरकार के गठबंधन सहयोगी के विधायक ही कह रहे हैं कि यह सबसे भ्रष्ट सरकार है।

हुड्डा ने सोमवार को कहा, ”इस सरकार ने लोगों और विधायकों का विश्वास खो दिया है, इसलिए हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे। सरकार को समर्थन देने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। गठबंधन सहयोगी पार्टी के कुछ विधायकों ने कहा कि यह सबसे भ्रष्ट सरकार है।”

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह भी कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ फिर से वार्ता शुरू करनी चाहिए ताकि मुद्दे का समाधान हो। हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ”सरकार को जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए। सरकार को वार्ता की प्रक्रिया शुरू करने की पहल करनी चाहिए और किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए।”

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 2013 में पंचकूला में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितता से जुड़े धन शोधन मामले में हुड्डा और चार सेवानिवृत्त अधिकारियों समेत कुछ अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए जाने के मामले पर भी पूर्व मुख्यमंत्री से सवाल पूछे गए। अपनी जान-पहचान वालों को भूखंडों के आवंटन के आरोपों को लेकर पूछे जाने पर हुड्डा ने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि ”यह सारा मामला राजनीति से प्रेरित है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, सारी चीजें साफ हो जाएंगी।”

हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार पर निशाना साधते हुए हुड्डा ने दावा किया कि बिजली विभाग में सब डिविजनल अधिकारियों की नियुक्ति में दूसरे राज्यों के युवाओं को तरजीह दी गई। हुड्डा ने कहा, ”एक तरफ सरकार दावा करती है कि वह हरियाणा के लोगों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी 75 प्रतिशत आरक्षण देगी लेकिन सरकार अन्य भर्तियों में स्थानीय युवाओं के बजाए बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरियां दे रही है।”  उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की नीतियों के कारण रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो रहे। 



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