फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने हाल ही में रिलायंस जियो के साथ 43 हजार करोड़ रुपए का सौदा किया और भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल क्षेत्र में उन्होंने कदम रख दिया। मार्क जुकरबर्ग ने यह सौदा भले ही मार्च 2020 में किया हो, लेकिन वह 2014 से ही भारत के डिजिटल बाजार में एंट्री की कोशिश में जुटे थे।
2014 में मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने राजस्थान के एक गांव में फ्री इंटरनेट सेवा की शुरुआत की कोशिश की। यह सेवा पूरी तरह मुफ्त होने वाली थी लेकिन केंद्र में फेसुबक होता। फ्री बेसिक्स नाम से फेसबुक के इस मिशन से नेट न्यूट्रैलिटी की बहस तेज हो गई। इसका काफी विरोध हुआ। नेट न्यूट्रैलिटी का मतलब है इंटरनेट सर्विस में किसी भी तरह का भेदभाव ना हो। रेग्युलटर्स और सरकार ने भी इसे लाल झंडी दिखा दी।
भारत इंटरनेट की दुनिया का एक बड़ा बाजार है और इसलिए मार्क जुकरबर्ग का भारत पर खास फोकस रहता है। हाल ही में उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा को रिलायंस जियो में हिस्सेदारी खरीदकर अंजाम दिया। अब उनके सामने रेग्युलेटर्स की बाधा भी नहीं है और मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो प्लैटफॉर्म पर मौजूद बड़े यूजरबेस का फायदा उन्हें मिल पाएगा।
फेसबुक जियो में 5.7 बिलियन डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश का ऐलान किया है। फेसबुक रिलायंस जियो की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी लेकर 3 करोड़ छोटे किराना दुकानदारों को जियोमार्ट प्लेटफॉर्म से जोड़ेगी और इसका जरिया बनेगा व्हाट्सएप। यह रिलायंस रिटेल के नए कॉमर्स बिजनेस को तेजी से बढ़ाएगा।
जियोमार्ट प्लेटफॉर्म (JioMart platform) पर रिटेल कारोबार बढ़ाने के लिए डील होगी। इससे WhatsApp पर छोटे कारोबारियों को सपोर्ट मिलेगा। जियो प्लेटफार्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो तमाम प्रकार की डिजिटल सेवाएं प्रदान करती है। इसके ग्राहकों की संख्या 38.8 करोड़ से अधिक है। JioMart के जरिए रिलायंस रिटेल अमेजन और फ्लिपकार्ट की टक्कर का प्रॉडक्ट तैयार कर रही है।