मूडीज के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से अर्थव्यवस्था को लगे झटके और भारत की सॉवरेन रेटिंग घटने से कंपनियों और बैंकों की डाउनग्रेडिंग हुुई है
भारत की सॉवरेन रेटिंग घटाने के एक दिन बाद इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विसेज ने चार बैंकों और आठ बड़ी कंपनियों की रेटिंग भी घटा दी है. मूडीज ने जिन बैंकों की डाउनग्रेडिंग की है उनमें एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, एक्जिम बैंक और इंडस बैंक शामिल हैं. जिन कंपनियों की रेटिंग घटाई गई है, उनमें आईटी कंपनी टीसीएस, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन यानी ओएनजीसी, इन्फोसिस शामिल हैं.
मूडीज ने कहा है कि कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था में आई गिरावट और देश की सॉवरेन रेटिंग घटने की वजह से इन बैंकों और कंपनियों की रेटिंग घटी है.
मूडीज ने मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की लॉन्ग टर्म रेटिंग तो बरकरार रखी है लेकिन इसने कंपनी के बारे में अपना आउटलुक ‘ स्थिर’ से ‘नकारात्मक’ कर दिया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की Baa2 रेटिंग बरकरार है. दरअसल भारत की सॉवरेन रेटिंग में बदलाव की वजह से रिलायंस इंडस्ट्रीज का आउटलुक स्थिर से नकारात्मक किया गया है.
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल की रेटिंग घटी
जिन अन्य कंपनियों की रेटिंग घटाई गई है उनमें हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड, ऑयल इंडिया, भारत पेट्रोलियम और पेट्रोनेट एलएनजी शामिल है. मूडीज बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और यूनाइटेड का रिव्यू कर रही है. इनकी भी रेटिंग घटने की आशंका है. हालांकि इसने पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक की रेटिंग नहीं घटाई है.
मूडीज ने कहा है कि कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से फैली कोविड-19 बीमारी से बैंकों के मुनाफे को झटका लगा है. इनकी एसेट क्वालिटी खराब हुई है और ग्राहकों के लोन डिफॉल्ट में इजाफा होने की आशंका है. उसने कहा है कि सार्वजनिक बैंकों की तुलना में निजी बैंकों का कैपिटलाइजेशन बेहतर है और वे लोन डिफॉल्ट से होने वाले नुकसान को उनकी तुलना में अच्छी तरह झेल सकते हैं. हालांकि इस बीच उनके कारोबार को काफी नुकसान पहुंचा है. निजी बैंक इससे उबरने की कोशिश में नई स्ट्रेटजी अपना सकते हैं.