हाइलाइट्स:
- जर्मनी के फ्रैंकफर्ट का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
- दर्जनों पाकिस्तानियों के आगे अकेले भिड़ा हिंदुस्तानी शेर
- भारत और पीएम मोदी के लिए उल्टे-सीधे शब्द बोल रहे थे प्रदर्शनकारी
- प्रशांत ने पहले वीडियो बनाया फिर जाकर किया उनका प्रतिकार
अगर आप सोशल मीडिया यूज करते हैं तो शायद आपने वह वीडियो देखा हो जिसमें अकेला भारतीय पाकिस्तानियों से लोहा ले रहा है। यह तस्वीर थी जर्मनी के फ्रैंकफर्ट की और मौका था भारत के स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त का। पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थक कुछ उपद्रवी भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में आपत्तिजनक नारेबाजी कर रहे थे। वहां मौजूद एक भारतीय से यह सहन नहीं हुआ और वह उनसे भिड़ गए। उस शख्स का नाम है प्रशांत वेंगुर्लेकर और वह फ्रैंकफर्ट में ही रहते हैं।
‘मैंने उन्हें बोला बाप बाप होता है’
प्रशांत के मुताबिक, वह फ्रैंकफर्ट में स्वतंत्रता दिवस मनाने गए थे जहां उन्हें कुछ लोग भारत के खिलाफ प्रदर्शन करते दिखे। प्रशांत ने कुछ देर तक तो वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसके बाद उन्होंने गालियां देना शुरू कर दिया। पाकिस्तानी लोग लगातार भारत तथा पीएम मोदी के लिए काफी बुरे शब्दों का प्रयोग कर रहे थे। एक समय तो उन्होंने प्रशांत के साथ हाथापाई तक करने की कोशिश की। अकेले होने के बावजूद प्रशांत डटे रहे और कहा कि ‘बाप बाप होता है।’ उन्होंने दावा किया कि एक प्रदर्शनकारी ने उनके हाथ से तिरंगा छीनकर फाड़ दिया।
तिरंगे के साथ प्रशांत (दाएं)
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कौन हैं प्रशांत वेंगुर्लेकर?
पेशे से सिविल इंजीनियर प्रशांत जर्मनी की सरकार के लिए काम करते हैं। प्रशांत पिछले 10 साल से जर्मनी में रह रहे हैं। ट्विटर पर उन्होंने अपनी लोकेशन माइन्ज शहर डाल रखी है जो फ्रैंकफर्ट का हिस्सा है। वह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर फैंकफर्ट गए हुए थे जब उनका सामना इन उपद्रवियों से हुआ। खुद को ‘भारत माता का भक्त’ बताने वाले प्रशांत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

जर्मनी में प्रशांत।
किस वजह से बौखलाए थे पाकिस्तानी?
प्रशांत ने हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि “2019 के बाद से, खासतौर से आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद से उन्हें नहीं पता कि कश्मीर मुद्दे को कैसे हैंडल करें। उन्होंने और प्रदर्शन करने शुरू किए लेकिन इंटरनैशनल कम्युनिटी में उनकी कोई पूछ नहीं। उनकी प्रासंगिकता खत्म हो गई है।” प्रशांत ने कहा कि वह उन प्रदर्शनकारियों को यही समझा रहे थे कि ‘शांति से चले जाओ क्योंकि पूरी दुनिया यही चाहती है। नफरत फैलाने का कोई मतलब नहीं।’

प्रशांत वेंगुर्लेकर ने दिया करारा जवाब। (फाइल)