Edited By Sujata Kushwaha | इकनॉमिक टाइम्स | Updated:

हाइलाइट्स

  • विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन के जरिए भारत में $40 अरब के हैंडसेट बनाने की योजना
  • कंपनी इसके लिए प्रॉडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) स्कीम के तहत इन्सेंटिव लेगी
  • PM मोदी ने पिछले वर्ष दिसंबर में ऐपल, सैमसंग और डोमेस्टिक हैंडसेट कंपनी लावा के एग्जिक्यूटिव्स के साथ बैठक की थी
  • चीन में ऐपल से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से लगभग 48 लाख लोगों को रोजगार मिला है

आनंदिता मनकोटिया, नई दिल्ली

आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल चीन में मौजूद अपनी प्रॉडक्शन कपैसिटी का लगभग 20 पर्सेंट हिस्सा भारत में शिफ्ट करने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही यह भारत में कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स के जरिए अपना मैन्युफैक्चरिंग रेवेन्यू भी अगले पांच वर्षों में बढ़ाकर लगभग 40 अरब डॉलर करना चाहती है।

PLI स्कीम के तहत इन्सेंटिव लेगी ऐपल

ऐपल के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के बीच पिछले कुछ महीनों के दौरान इस बारे में कई बैठकें हुई हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया, ‘हमें उम्मीद है कि ऐपल देश में अपनी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन के जरिए स्मार्टफोन का प्रॉडक्शन बढ़ाकर 40 अरब डॉलर तक करेगी और इसका एक बड़ा हिस्सा एक्सपोर्ट किया जाएगा। कंपनी इसके लिए प्रॉडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) स्कीम के तहत इन्सेंटिव लेगी।’

PLI स्कीम में कुछ कमियां?

अमेरिकी कंपनी ऐपल को इस बारे में ईटी की ओर से ईमेल से भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं मिला। हालांकि कंपनी की योजना के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी PLI स्कीम में कुछ कमियां हैं। इस स्कीम की घोषणा हाल में देश में हैंडसेट मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

दिसंबर में हुई थी PM के साथ बैठक

अधिकारियों का कहना है कि वे इस स्कीम से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करेंगे। केंद्र सरकार देश में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग लाना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष दिसंबर में ऐपल, सैमसंग और डोमेस्टिक हैंडसेट कंपनी लावा के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स के साथ बैठक की थी।

भारत को मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बेस बनाएगी ऐपल

एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐपल के लिए भारत बहुत बड़ा मार्केट नहीं है क्योंकि कंपनी देश में अपने प्रॉडक्शन का कुछ हिस्सा ही बेचती है। ऐपल की योजना भारत को मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट का बेस बनाने की है, जिससे यह अपने प्रॉडक्शन को चीन से बाहर डायवर्सिफाई कर सके।’ भारत में ऐपल की बिक्री लगभग 1.5 अरब डॉलर की है। इसकी तुलना में चीन में इसका प्रॉडक्शन लगभग 220 अरब डॉलर का है जिसमें से यह 185 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट करती है।

हैंडसेट एक्सपोर्ट में ऐपल की 38% हिस्सेदारी

चीन में ऐपल से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से लगभग 48 लाख लोगों को रोजगार मिला है। ग्लोबल हैंडसेट एक्सपोर्ट में ऐपल का मार्केट शेयर 38 पर्सेंट का है। दूसरे स्थान पर 22 पर्सेंट के मार्केट शेयर के साथ सैमसंग है। एक अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारत ग्लोबल एक्सपोर्ट का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने पर विचार कर रहा है।

कैसे मिलेगा PLI स्कीम का फायदा?

PLI स्कीम का फायदा लेने के लिए किसी कंपनी को 2020 से 2025 के बीच चरणबद्ध तरीके से देश में कम से कम 10 अरब डॉलर के मोबाइल हैंडसेट की मैन्युफैक्चरिंग करनी होगी। सरकार के डेटा के अनुसार, अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 के बीच देश का कुल एक्सपोर्ट लगभग 446 अरब डॉलर का था। इसमें सबसे बड़ी कैटिगरी पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स की थी जिसका एक्सपोर्ट 36 अरब डॉलर का था।



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