इंडिया ब्लाक की यूपी मे सुनामी
लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी और संघ इस हार के कारणों को जानने की कोशिश कर रही है। भाजपा को लग रहा है कि इंडिया गठबंधन को 43 सीटें तुक्के में मिली हैं। यूपी विधानसभा उपचुनाव में सभी सीटें पर जीत मिलने वाली है। लेकिन दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन हाल के चुनाव मिली सफलता से बहुत ज्यादा जोश में आ गया है।

वो भी उप चुनाव के लिये कमर कस कर जुट गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी उप चुनाव की तैयारी में एकजुट दिख रहे हैं। सपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 115 सीटों पर जीत हासिल की थी। वैसे योगी ने लगातार दूसरी बार सरकार बना कर रिकार्ड बनाया। लेकिन योगी और शाह के बीच अनबन किसी ने छुपी नही है। शाह की शह पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मैर्य और ब्रजेश पाठक के साथ साथ ओपी राजभर दारा सिंह चौहान भी योगी को नजरंदाज करने से बाज नहीं आ रहे थे। यह माना जा सकता है दिल्ली में बैठे शाह यूपी सरकार को चलाने का प्रयास कर रहे थे। इससे पहले भी शाह के इशारे पर पूर्व आईएएस अरविंद शर्मा को यूपी भेज दिया जो योगी के कामकाज में दखल देने का उस समय आरएलडी भी उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी। आम चनाव से पहले जयंत चौधरी ने पाला बदलते हुए एनडीए का हाथ थाम लिया। लेकिन इस बात का इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। लेकिन जयंत चौधरी ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह बना ली। लेकिन भजापा को यूपी में भारी आघात लगा है। अभी तक इस हार को पचा नहीं पा रही है।

केजरीवाल की बात सही साबित
आम चुनाव के दौरान ही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह कह कर चौंका दिया कि चुनाव के बाद मोदी शाह योगी आदित्याथ को हटा कर दिल्ली लाने की योजना बन रहेे हैं। इस बात से भाजपा कार्यकर्ताओं में उहापोह की स्थिति बन गयी। संघ के सेवक भी पूरी तरह से चुनाव प्रचार में नहीं जुटे। एक प्रमुख कारण यह भी रहा कि लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण में सीएम योगी की नहीं चली दिल्ली से ही सीटें तय कर दी गयीं। बहरहाल यूपी में भाजपा के लिये काफी चुनौतिया सामने खड़ी हैं। लोकसभा में मुंह की खाने के बाद भी मोदी शाह का अहंकार और हेकड़ी कम नहीं हुई है।