नयी दिल्ली। रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद मामले की सुनवायी लगातार सुप्रीम कोर्ट मे चल रही है। सुनवायी के आखिरी दिन मुस्लिम पक्षकारों के वकील ने भाजपा के एक सांसद को कोर्ट में सबसे आगे बैठे देखा तो उन्होंने आपत्ति जतायी और अदालत से उन्हें वहां से हटाने की बात कही। उन्होंने अदालत के आगे यह दलील रखी कि सांसद पेशे से वकील जरूर हैं लेकिन वो न तो किसी पक्ष के वकील हैं और न ही वो किसी मामले में गवाह है। उनका इस केस से कुछ भी लेना देना नहीं अत: उन्हें कोर्ट की अगली पंक्ति में बैठने का अधिकार नहीं है। वो भी उस समय जब कि केस संबंधित काफी वकील खड़े रहते है।
एक अंग्रेजी अखबार की पत्रकार लिखती हैं कि मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने सुनवायी के दौरान अगली पंक्ति में भाजपा के राज्यसभा सदस्य डा.सुब्रमण्यिन स्वामी को बैठा देखा तो भड़क गये और अदालत से अनुरोध किया कि स्वामी को वहां से उठाया जाये। उन्होंने जजों से यह कहा कि स्वामी किसी भी पक्ष के वकील नहीं है तो वो किस हैससियत से अगली पंक्ति में बेठे हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि जब वो राज्यसभा में गये थे तो उन्हें भी सदन में बैठने की इजाजत नहीं मिली थी। उन्हें विजिटर्स गैलरी में बैठाया गया था। इस पर अदालत ने कहा कि यदि आपको सदन में बैठना हैं राज्यसभा का सदस्य बनना होगा।