राम मंदिर पर बोले शफीकुर्रहमान- अयोध्या में मस्जिद थी, है और रहेगी, मुसलमान खौफ ना खाएं


Shafiqur Rahman Barq on ram mandir: समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को खौफ खाने की जरूरत है।

Edited By Nilesh Mishra | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

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हाइलाइट्स

  • राम मंदिर के मुद्दे पर अब समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क भी भड़के
  • बर्क ने कहा कि अयोध्या में मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी कोई इसे मिटा नहीं सकता
  • उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ताकत के बलबूते कोर्ट से भी अपने पक्ष में फैसला ले लिया

संभल

उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (एसपी) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी। उन्होेंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ताकत के बलबूते संग-ए-बुनियाद (नींव) रख ली और कोर्ट से भी अपने पक्ष में फैसला करा लिया। अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले बर्क ने कहा कि मुसलमान मोदी-योगी के नहीं अल्लाह के भरोसे है, संग-ए-बुनियाद से मुसलमान को खौफ खाने की जरूरत नहीं है।

शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, ‘संग-ए-बुनियाद रखना, जम्हूरियत का कत्ल करना है। इस जम्हूरी मुल्क में यह जो अमल हो रहा है, उन्होंने शायद इसपर कभी गौर नहीं किया कि हम जो कुछ भी यहां कर रहे हैं, वह किस बुनियाद पर कर रहे हैं। खैर, ठीक है। उनकी सरकार है, उन्होंने ताकत के बलबूते पर संग-ए-बुनियाद रख दी। अदालत से भी अपने पक्ष में फैसला करा लिया।’

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‘हमारे साथ नाइंसाफी हुई लेकिन मस्जिद कोई मिटा नहीं सकता’

संभल से सांसद बर्क ने आगे कहा, ‘यह कानूनी इंसाफ नहीं है बल्कि हमारे साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी हुई है लेकिन हमने सब्र से काम लिया है। आज भी हम अल्लाह के भरोसे पर यह उम्मीद करते हैं कि इंशाअल्लाह यह जगह हमेशा मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी। इसको कोई मिटा नहीं सकता है।’

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इससे पहले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट में लिखा था, ‘बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशाअल्लाह।’ एआईएमआईएम नेता ने हैशटैग बाबरी जिंदा है के साथ इस ट्वीट को शेयर किया। बताते चलें कि ओवैसी ने पीएम मोदी के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह संविधान सम्मत नहीं होगा।

हागिया सोफिया: चर्च, मस्जिद, म्‍यूजियम, फिर मस्जिद

  • हागिया सोफिया: चर्च, मस्जिद, म्‍यूजियम, फिर मस्जिद

    हागिया सोफिया एक म्‍यूजियम था लेकिन तुर्की के कट्टर छवि वाले राष्‍ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हागिया सोफिया को एक बार फिर से मस्जिद में तब्‍दील कर दिया। यही नहीं एर्दोगान ने हागिया सोफिया के अंदर बैठकर नमाज दी भी अदा की। इस दौरान उन्‍होंने दुनियाभर में हो रही आलोचनाओं को भी अनसुना कर दिया। दरअसल, इस विश्व प्रसिद्ध इमारत का निर्माण एक चर्च के रूप में हुआ था। 1453 में जब इस शहर पर इस्लामी ऑटोमन साम्राज्य का कब्जा हुआ तो इस इमारत में तोड़फोड़ कर इसे मस्जिद में तब्दील कर दिया गया। इसके बाद कमाल अतातुर्क उर्फ मुस्तफा कमाल पाशा ने 1934 में मस्जिद को म्यूजियम में बदल दिया क्योंकि वह धर्म की जगह पश्चिमी मूल्यों से प्रेरणा चाहते थे।

  • मस्जिद में बदलने की मांग कर रहे थे मुस्लिम कट्टरपंथी

    तुर्की के मुस्लिम कट्टरपंथी और राष्ट्रवादी समूह लंबे समय से हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में बदलने की मांग कर रहे थे। हालांकि, अर्दुआन का कहना है कि इसे सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर रखा जाएगा और पर्यटकों के लिए यह खुली रहेगी। तुर्की रिपब्लिक की नींव रखने वाले मुस्तफा कमाल अतातुर्क उर्फ मुस्तफा कमाल पाशा ने धर्म को खत्म करते हुए यूरोप से प्रेरणा लेना शुरू किया था। इस्लामिक कानून (शरिया) की जगह यूरोपीय सिविल कोड्स आ गए, संविधान में धर्मनिरपेक्षता को शामिल किया गया, समाज में महिला-पुरुष को एक करने की कोशिश की और एक मुस्लिम बहुल देश की शक्ल बदल दी। हालांकि, देश में डेढ़ दशक से ज्यादा सत्ता में रहने वाले राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने धीरे-धीरे अतातुर्क के एक मुस्लिम लोकतंत्र के आदर्श देश को बदलना शुरू कर दिया।

  • इस्लाम पर ​कमाल अतातुर्क ने लगाई थी पाबंदी

    मुस्‍तफा कमाल अतातुर्क तुर्की की परंपरा और संस्कृति का इस तरह से प्रचार करते थे कि लोगों के मन में राष्टट्रवाद से ज्यादा वैश्विक मुस्लिम समुदाय की भावना जागे। वह कमालिज्म (Kemalism) के आदर्श पर धर्मनिरपेक्ष लोगों के साथ सरकार चलाते थे। उन्होंने जिस राजनीतिक और कानून व्यवस्था की नींव रखी थी, उसके आधार पर उन्होंने मुस्लिमों को कुछ भी ऐसा करने की आजादी नहीं दी जिससे धार्मिक जमीन, रेवेन्यू जैसे मुद्दों पर उनका असर हो सके। यहां तक कि इस्लाम का समर्थन करने वाले राजनेताओं पर नकेल कसने के लिए कानून भी बना डाले।

  • तैयब एर्दोगान ने क्यों उठाया यह कदम?

    एर्दोगान ने हमेशा इस्लाम और मुस्लिमों के अधिकारों को धर्मनिरपेक्षता के ऊपर तरजीह दी। यहां तक कि उन्होंने देश की समस्याओं के लिए धर्मनिरपेक्षता को कई बार जिम्मेदार ठहराया है। माना जा रहा है कि हागिया सोफिया को भी मस्जिद में तब्दील करने का फैसला इसलिए किया गया है ताकि कट्टरपंथी समाज को खुश किया जा सके। उन्होंने यहां तक कहा कि हागिया को मस्जिद बनाए जाने से मुस्लिम ‘सामान्य हालात’ के युग में लौटे हैं। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि वह देश की आर्थिक हालत से ध्यान हटाना चाहते हैं। खास बात यह है कि पहले चर्च होने की वजह से हागिया को मुस्लिम और ईसाई धर्म का संगम माना जाता रहा है। यह दुनिया में एक मिसाल के तौर पर कायम रही है। अब भारत का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्‍या में बनने जा रहे राम मंदिर के लिए भी हागिया सोफिया का उदाहरण दे रहा है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कहा- मस्जिद है और रहेगी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी ने भी बयान जारी करके कहा था कि बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। मस्जिद में मूर्तियां रख देने से या फिर पूजा-पाठ शुरू कर देने या एक लंबे अर्से तक नमाज पर प्रतिबंध लगा देने से मस्जिद की हैसियत खत्म नहीं हो जाती। उन्होंने कहा कि हमारा हमेशा यह मानना रहा है कि बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर या किसी हिंदू इबादतगाह को तोड़कर नहीं बनाई गई। कहा कि हालात चाहे जितने खराब हों हमें हौसला नहीं हारना चाहिए। खालिफ हालात में जीने का मिजाज बनाना चाहिए।



‘मंदिर गिराकर बनाएंगे मस्जिद’


ऑल इंडिया इमाम असोसिएशन के अध्यक्ष साजिद रशीदी ने भी इसी तरह का भड़काऊ बयान दिया था। साजिद रशीदी ने कहा था, ‘इस्लाम कहता है कि मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहेगी। कुछ और निर्माण करने के लिए मस्जिद को तोड़ा नहीं जा सकता। हमारा मानना है कि बाबरी मस्जिद वहां थी और वह हमेशा मस्जिद के रूप में वहां रहेगी। मंदिर को गिराकर वहां मस्जिद नहीं बनाई गई थी लेकिन अब अब ऐसा हो सकता है। मंदिर गिराकर वहां फिर से मस्जिद बनाई जाएगी।’

शफीकुर्रहमान बर्क ने राम मंदिर भूमि पूजन को बताया गैरकानूनी

शफीकुर्रहमान बर्क ने राम मंदिर भूमि पूजन को बताया गैरकानूनी

Web Title shafiqur rahman barq says there is was and willbe a mosque in ayodhya(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)

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