भारत-चीन सीमा पर लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद उपजी स्थिति पर पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके मलिक ने हिंदुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं अपने अनुभव से ये बता सकता हूं कि चीन जो कहता है, वो करता नहीं है। ऐसे में भारत को अपनी नीति को बदलने की जरूरत है। साथ ही साथ उन्होंने गलवान घाटी में हुई घटना पर हो रही राजनीतिक बयानबाजी पर जनरल मलिक ने कहा कि पार्टियों को इससे बचना चाहिए।

एक सवाल का जवाब देते हुए जनरल वीके मलिक ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा सबसे ऊपर होता है। इस मुद्दे पर सभी की कोशिश राष्ट्र हित वाली होनी चाहिए। नेशनल सिक्योरिटी के मुद्दे को पार्टी के नजरिए से नहीं बल्कि देशहित में रखकर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में हुई घटना पर राजनीतिक दल तू-तू, मैं-मैं कर रहे हैं। मैं यह नहीं कहता कि वे सवाल ही न करें लेकिन सार्वजनिक तौर पर इससे बचना चाहिए।

राहुल गांधी के ट्वीट पर पूछे गए एक सवाल में जनरल मलिक ने कहा कि मैं किसी के ट्वीट पर बयान नहीं दे रहा पर एक एक्सपर्ट के तौर पर कहना चाहूंगा कि हमारी फौज सीमा पर हमेशा हथियार के साथ रहती है। किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि उनके पास हथियार नहीं हैं। 1997 में जो समझौता हुआ था उसके आर्टिकल 6 में लिखा है कि 2 किलोमीटर के अंदर यदि भिड़ते हैं तो फायरिंग नहीं करेंगे। यह बचने की कोशिश थी की फायरिंग ना हो। उसको यह कहना कि उनको हथियार ले जाने की इजाजत नहीं थी। मैं मानता हूं कि यह सही नहीं है।





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