रिलायंस इंडस्ट्रीज का राइट्स इश्यू 3 जून को बंद होने वाला है और आपको ये सुनहरा मौका गंवाना नहीं चाहिए. यहां जानें वो पांच कारण जो आपके बताएंगे कि क्यों इसमें निवेश करना आपके लिए बेहतरीन अवसर है.
नई दिल्लीः मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का 53,125 करोड़ रुपये का मेगा राइट्स इश्यू खुला हुआ है जो कि भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू है. ये राइट्स इश्यू 20 मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 3 जून को बंद होने वाला है. इस राइट्स इश्यू के जरिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के मौजूदा शेयरधारकों को आरआईएल के शेयर 1257 रुपये प्रति शेयर पर खरीदने का मौका मिला हुआ है जबकि 22 मई शुक्रवार को इसका एनएसई पर भाव 1433 रुपये प्रति शेयर था.
14 मई तक जिन निवेशकों के पास अपने डीमैट खाते में आरआईएल के शेयर थे वो इस राइट्स इश्यू में 1:15 के अनुपात में अप्लाई कर सकते हैं. इसका मतलब है कि रिलायंस के 15 शेयरों के बदले आरआईएल का एक शेयर 1257 रुपये के भाव पर लेने के लिए अर्जी दे सकते हैं. इसके अलावा अच्छी बात ये है कि आपको शेयर की पूरी कीमत 1257 रुपये एक साथ देने की जरूरत नहीं है. इश्यू में अप्लाई करते समय आपको 25 फीसदी राशि का पेमेंट करना होगा जो कि 314.25 रुपये होगा. दूसरी 25 फीसदी राशि का भुगतान निवेशकों को मई 2021 में करना होगा और बाकी की 50 फीसदी रकम जो कि 628.50 रुपये है वो नवंबर 2021 में उस समय देनी होगी जब कंपनी की तरफ से कहा जाएगा.
रिलायंस के राइट्स इश्यू को लेकर निवेशकों में अच्छा उत्साह देखा जा रहा है और यहां वो 5 कारण बताए जा रहे हैं कि क्यों रिलायंस के राइट्स इश्यू में अप्लाई करना चाहिए.
1. मौजूदा समय में रिलायंस इंडस्ट्रीज डिजिटल और रिटेल कारोबार में मार्केट लीडर है और जानकारों का कहना है कि ये दोनों ही सेगमेंट कंपनी की ग्रोथ के लिए अगले कुछ सालों तक उसके मुख्य विकास कारक के तौर पर बने रहेंगे. एंजेल ब्रोकिंग की डीवीपी इक्विटी स्ट्रेटेजिस्ट ज्योति रॉय ने कहा कि उन्हों भरोसा है कि रिलायंस के टेलीकॉम और रिटेल कारोबार इसकी ग्रोथ के लिए मुख्य घटक बने रहेंगे. वहीं इसके अलावा जियोमार्ट के जरिए ई-कॉमर्स बिजनेस में एंट्री करके रिलायंस अपने शेयरधारकों के लिए लंबी अवधि में वैल्यू क्रिएशन करती रहेगी.
2. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने डिजिटल बिजनेस जियो प्लेटफॉर्म्स के जरिए अब तक 78,562 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं और इनके तहत अग्रणी टेक्नोलॉजी इंवेस्टर्स जैसे फेसबुक, सिल्वरलेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक और केकेआर को अपनी हिस्सेदारी बेची है और अपना सहयोगी बना लिया है. ये काम करने में कंपनी ने ज्यादा समय भी नहीं लगाया है. जानकारों के मुताबिक इन डील्स के जरिए कंपनी न सिर्फ अपना कर्ज खत्म कर पाने में सक्षम होगी बल्कि डिजिटल सेगमेंट में एक बेहद भरोसेमंद नाम बनने की दिशा में काफी तेजी से आगे बढ़ पाएगी. एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक आगे चलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1748 रुपये का टार्गेट मिल सकता है जो कि कंपनी के शेयर में 22 फीसदी की अच्छी खासी तेजी होगी.
3. मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक आरआईएल का कंज्यूमर और टेलीकॉम कारोबार इसके कुल वैल्यूएशन का करीब 78 फीसदी तक योगदान देने की तरफ आगे बढ़ रहा है. रिलायंस के रिटेल बिजनेस की ब्रोकरेज वैल्यू को देखें तो ये 500 रुपये प्रति शेयर है, डिजिटल बिजनस की वैल्यू के तहत 760 रुपये प्रति शेयर और इसके कोर बिजनेस के वैल्यूएशन 358 रुपये प्रति शेयर की बैठती है. जानकारों का कहना है कि इसके मौजूदा वित्त वर्ष में कर्ज को शून्य करने की उम्मीद है और कंपनी जैसे ही अपने कर्ज को शून्य कर लेगी इसके कोर बिजनेस को ज्यादा शानदार वैल्यूएशन मिल जाएंगे.
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत तक रिलायंस इंडस्ट्रीज के 1.04 लाख करोड़ रुपये की कैपिटल जुटा लेने की पूरी उम्मीद है. इसमें जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक का निवेश भी शामिल है. वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के राइट्स इश्यू के पहले चरण के पेमेंट भी इसमें शामिल हैं और वित्त वर्ष 2019-20 में ब्रिटिश पेट्रोलियम द्वारा किए गए निवेश की रकम भी शामिल है.
एंजेल ब्रोकिंग की ज्योति रॉय के मुताबिक हम निवेशकों को रिलायंस इंडस्ट्रीज के राइट्स इश्यू में सब्सक्राइब करने की सलाह देते हैं. कंपनी की डिजिटल और रिटेल बिजनेस में बढ़ती साख और इसके विकास की तेज रफ्तार उम्मीद के दम पर इसके भविष्य के अनुमान बेहद पॉजिटिव हैं. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि आरआईएल ने टेलीकॉम और रिटेल बिजनेस दोनों में ही अपना रुतबा कायम कर लिया है और ये इस सेगमेंट में मार्केट लीडर है.
4. रिलायंस के डिजिटल सर्विस बिजनेस में जियो के मार्जिन 18 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो गए हैं और इसकी टॉपलाइन ग्रोथ बढ़कर 40 फीसदी पर आ गई है. इसके अलावा रिलायंस के रिटेल बिजनेस में वित्त वर्ष 2019 के 4.2 फीसदी मार्जिन ग्रोथ के मुकाबले वित्त वर्ष 20 में 5.1 फीसदी मार्जिन की वजह से इसका कारोबार और आकर्षक हो गया है. साथ ही इसमें 25 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ भी देखी जा रही है जो कि काफी उत्साहजनक है. ये दिखाता है कि कंपनी के दोनों सेगमेंट में ग्रोथ का सेंटीमेंट और मूमेंटम लगातार तेजी के साथ बरकरार है और इसमें कोई धीमापन नहीं है.
5. आरआईएल के प्रमोटर्स और प्रमोटर एंटिटी ने वादा किया है कि राइट्स इश्यू में जो शेयर नहीं बिक पाएंगे उन्हें पूरी तरह से खरीदा जाएगा. बता दें कि इनकी कंपनी में 50.7 फीसदी हिस्सेदारी है और इतने बड़े पैमाने पर प्रमोटर्स का भरोसा ये दिखाता है कि कंपनी का भविष्य सुनहरा है. जानकारों का कहना है कि ये कंपनी के भविष्य पर प्रमोटर्स की प्रतिबद्धता और भरोसे को दिखाता है.