रात करीब 8:30 बजे यशवंत सिन्हा ने एक दूसरा ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि हमें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
नई दिल्ली: प्रवासी मजदूरों को सम्मानपूर्वक घर वापस भेजने के लिए सोमवार को राजघाट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा धरने पर बैठे. जिन्हे देर शाम पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
सिन्हा ने अपने ट्विटर पर धरने की जानकारी देते हुए लिखा था कि सुबह 11 बजे से धरने पर बैठने वाले हैं और उनकी मांग है कि श्रमिक मज़दूरों को जल्द से जल्द घर छोड़ा जाए ना कि उनके साथ मारपीट हो. ऐसा करने के लिए अगर सेना कि जरूरत हो,तो उनकी मदद भी ली जाए.
I have started a dharna today from 11 AM at Rajghat, Delhi to demand the deployment of armed forces and para military forces to take the migrant workers home with dignity, instead of beating them up and leaving them to die on the road. Need your support.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) May 18, 2020
रात करीब 8:30 बजे यशवंत सिन्हा ने एक दूसरा ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि हमें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
We have just been arrested by the Delhi Police.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) May 18, 2020
सिन्हा के साथ आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और विधायक दिलीप पांडेय और अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था जो प्रवासी मजदूरों की स्थिति को लेकर राजघाट पर धरने पर बैठे थे. तीनों नेताओं को दिल्ली के राजेन्द्र नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया था और कुछ घंटों बाद रिहा कर दिया गया.
एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा, “हमारी एक ही मांग थी, जितने मज़दूर हैं उनको सम्मान से घर भेजा जाए और जरूरत हो तो सेना की मदद ली जाए. धरने पर बैठने के लिए पुलिस ने सेक्शन 144 वॉयलेशन के अन्तर्गत हमें डिटेन किया गया था, छोड़ दिया है. ये सरकार संवेदनहीन सरकार है. हम जानते थे कुछ नहीं होगा लेकिन हमने अपना कर्तव्य पूरा कर दिया. साथ ही अब हमे उम्मीद है कि समाधान निकलेगा क्योंकि हमने नैतिक दबाव कायम किया है.”
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने पुलिस स्टेशन से निकलते वक़्त हमसे बातचीत के दौरान कहा, ” गरीब मज़दूर रेल की पटरी , हाईवे पर मर रहा है लेकिन इस सरकार को कोई फर्क तक नहीं पड़ रहा है. ये गरीब विरोधी सरकार है. अमीरों के हक में काम कर सकते हैं उनके लिए सभी प्रबंध कर सकते हैं लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं. केंद्र सरकार की अगर नियत हो तो एक दिन में सारे मज़दूर घर पहुंचाए जा सकते हैं लेकिन ये सरकार गरीब विरोधी है. 100 या 100 बसों की नौटंकी करते रहते हैं.”
आम आदमी पार्टी से विधायक दिलीप पांडे ने भी अपने धरने से उम्मीद जताते हुए कहा, “आज नैतिक दबाव हमारे माध्यम से ज़रूर गया है. आज के हमारे धरने से उम्मीद है कि सरकार संज्ञान लेगी. ये सरकार चप्पल पहनने वालों की चिंता नहीं करती है. मज़दूरों को लाठियों से लाल किया जा रहा है , ये काम है क्या सरकार का?.”