रूसी वैक्सीन दे रहे बड़े साइड इफेक्ट, क्या कोरोना वैक्सीन में छिपा रहेगा बड़ा खतरा?


Corona Vaccine Latest Updates: रूस के कोरोना वैक्सीन बनाने के दावे के बाद उसकी वैक्सीन पर कई देश और विशेषज्ञ शक कर रहे हैं। इस बीच दुनिया में कई देश इस जानलेवा बीमारी की वैक्सीन बनाने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञ वैक्सीन की हड़बड़ाहट में उसकी सुरक्षा से समझौता नहीं करने की अपील कर रहे हैं।

Edited By Satyakam Abhishek | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

कोरोना वैक्सीन की तलाश में दुनिया

नई दिल्ली

रूस के कोरोना वैक्सीन बनाने के दावे के बाद से ही विवाद भी शुरू हो चुका है। अमेरिका से लेकर जर्मनी तक मास्को की वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik-V) पर शक जाहिर कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी रूस से कई सबूत मांग लिए हैं। इधर कई विशेषज्ञ वैक्सीन बनाने की हड़बड़ाहट में उसकी सुरक्षा और प्रभाव को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जबतक तीसरे स्टेज का डेटा पर चर्चा नहीं हो जाती वैक्सीन को सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है। इस बीच, रूस ने कहा है कि उसे 20 देशों से करोड़ों डोज का ऑर्डर मिल चुका है।

अक्सफोर्ड की वैक्सीन यह बोले विशेषज्ञ

ओटागो यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर डेविड मर्डोक अक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन पर अपनी टिप्पणी में कहा कि जिस वैक्सीन के सबसे पहले और प्रभावी होने की बात कही जा रही है उसका तीसरे चरण का ट्रायल अगले साल के शुरू में खत्म होगा। लेकिन सबसे असल चुनौती ये है कि वैक्सीन की सेफ्टी से समझौता नहीं किया जाए।

कोरोना वैक्सीन पर रूस ने झूठ बोला? 144 तरह के साइड इफेक्ट्सकोरोना वैक्सीन पर रूस ने झूठ बोला? 144 तरह के साइड इफेक्ट्स

बिना सेफ्टी जांच वैक्सीन सही नहीं

मर्डोक ने कहा कि आप वैसी चीज की तैयारी कर रहे हैं, जिसके लिए पेपरवर्क की जरूरत होती है और जब सभी स्टडी पूरी हो जाए तो हम वैक्सीन ला सकते हैं। तबतक हमें थोड़ा धीरज रखना होगा। किसी दूसरे वैक्सीन की तरह ही हमें इसके सेफ्टी की जांच भी करनी होगी।



कोरोना वैक्सीन की सरपट दौड़, विशेषज्ञ चिंतित


हालांकि जिस तरह से कुछ देश कोरोना वैक्सीन की तैयारियों में जुटे हैं उससे कई विशेषज्ञ वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ऑकलैंड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर निकी टर्नर ने कहा कि रूस के वैक्सीन को रजिस्टर किया गया है लेकिन उसके तीसरे चरण का ट्रायल उतना भरोसेमंद नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यहां बड़ा खतरा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऐसा वैक्सीन है, जिसे मुझे छूने में भी डर लगेगा। सबसे अहम है कि वैज्ञानिक अपने डेटा को पब्लिश करे और वह डेटा पारदर्शी हो। ताकि बाहर लोग आपके डेटा पर चर्चा कर सके।’ उन्होने कहा कि रूस जैसे ही हड़बड़ी में कोरोना वैक्सीन जारी करने से बचना चाहिए। लोगों में वैक्सीन को लेकर सुरक्षा की भावना होनी चाहिए।

रूस ने वैक्सीन बनाने का किया दावा, लेकिन डेटा नहीं दिया

बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ दिन पहले कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा करते हुए कहा था कि यह वैक्सीन उनकी बेटी को दी गई थी और वह ठीक है। हालांकि रूस ने इस वैक्सीन से जुड़ा कोई डेटा जारी नहीं किया था। अमेरिका और जर्मनी रूस के वैक्सीन पर शक कर रहा है। उधर WHO ने रूस से इस वैक्सीन से जुड़ा डेटा जारी करने को कहा है।

रूसी वैक्सीन में साइड इफेक्ट का दावा

डेली मेल के रिपोर्ट के मुताबिक रूसी वैक्सीन केवल 38 वॉलंटियर्स को ही दिए गए हैं। वैक्सीन देने के बाद उनमें 144 तरह के साइड इफेक्ट का दावा अखबार ने किया है। यह भी कहा गया है कि ट्रायल के 42 वें दिन तक 31 वॉलंटियर्स में साइड इपेक्ट नजर आ रहे हैं। इसके आलावा ये भी सामने आया है कि ट्रायल के तीसरे चरण पर रूस कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है।

60% तक सफल वैक्सीन से बन जाएगा काम

न्यूजीलैंड के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि 60 फीसदी तक सफल वैक्सीन काम आ सकता है। अगर वैक्सीन की सफलता का प्रतिशत 80 प्रतिशत तक है तो हर्ड इम्युनिटी का लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिल सकती है।

Web Title russia covid-19 vaccine experts says making vaccine in hurry will impact saftey(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)

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