लॉकडाउन के बाद अप्रैल-मई के दौरान माल ढुलाई में भारी कमी आई है और इसलिए रेलवे को 8000 करोड़ का बड़ा नुकसान हुआ है.
कोरोना संक्रमण के दौरान काफी कम यात्री ट्रेनें चलने से रेलवे की कमाई पर भारी असर पड़ा है. हालांकि माल ढुलाई जारी है. लेकिन देश भर में मांग की कमी की वजह से ज्यादा मालगाड़ियां भी नहीं चल पा रही हैं.
माल ढुलाई कम पड़ गई है. इसलिए रेलवे ज्यादा ग्राहक आकर्षित करने के लिए आकर्षक ऑफर और छूट देने पर विचार कर रहा है ताकि कमाई में इजाफा हुआ. इसी के तहत रेलवे की ओर से अब लंबी दूरी के लिए भेजे जाने वाले सामानों की डिलीवरी में देरी होने पर कैशबैक जैसा ऑफर देने पर विचार चल रहा है. इसके अलावा कुछ डिस्काउंट भी देने पर फैसला हो सकता है.
माल ढुलाई की कमाई घटी
लॉकडाउन के बाद अप्रैल-मई के दौरान माल ढुलाई में भारी कमी आई है और इसलिए रेलवे को 8000 करोड़ का बड़ा नुकसान हुआ है. रेलवे अब इसकी भरपाई करने की कोशिश में लगा है. ज्यादा यात्री ट्रेनें न चलने की वजह से पैसेंजर किराये की आमदनी बेहद घट गई है.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2020 के अप्रैल-मई में 2019 की इस अवधि की तुलना में 8,283 करोड़ रुपये की कम माल ढुलाई हुई है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अधिकारियों की बैठक कर इस स्थिति की समीक्षा की है. माल ढुलाई की इस गिरावट ने सरकार को चिंतित कर दिया है. इसलिए कमाई में कमी की भरपाई के लिए आने वाले दिनों में यात्री किराया भी बढ़ सकता है.
बैठक में रेलवे ने माल ढुलाई को ग्राहकों के लिहाज से आकर्षक बनाने के लिए कुछ ऑफर लाने पर भी विचार किया. इनमें लंबी दूरी की बुकिंग के लिए छूट के साथ ही डिलीवरी में देरी होने पर छूट और कैशबैक का प्रावधान भी शामिल किया जा सकता है.
रेलवे की घटी कमाई की भरपाई के लिए रेलवे मंत्रालय में कई योजनाओं पर काम चल रहा है. समझा जाता है कि आने वाले दिनों में रेलवे अपने खर्चे निकालने के लिए कुछ और तरीके आजमा सकता है. एक संभावना किराया बढ़ाने की है, लेकिन यह ऑप्शन ऐसे वक्त में इतना आसान नहीं होगा.